वाराणसी: देश की बात तो बाद में करेंगे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र और BHU जैसे अस्पताल में भ्रष्टाचार और लापरवाही का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है की यहाँ आने वाले मरीज भगवान भरोसे है क्योंकि एक तरफ तमाम दावे और बतकही की पोल उस समय खुल जाती है जब ऑपरेशन मोबाइल की रोशनी में किया जाता है।
बीएचयू अस्पताल में एम्स जैसी सुविधाओं की बात तो की जा रही है पर उपलब्ध सुविधाओं का लाभ भी पूरी तरह से मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। इसका एक प्रमाण आईएमएस के दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय में सोमवार को देखने को मिला। एक मरीज के दांत की सर्जरी डॉक्टरों को मोबाइल की रोशनी में करनी पड़ी। बाकायदा इसका एक वीडियो भी बनाया गया है, जिसमें मोबाइल का टार्च जलाकर ऑपरेशन किया जा रहा है।
बीएचयू ट्रामा सेंटर परिसर स्थित दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय का संचालन किया जाता है। यहां केवल वाराणसी ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के मरीजों के साथ ही बिहार तक के मरीज बेहतर इलाज के लिए आते हैं। एम्स जैसी सुविधाओं का दावा करने वाले इस अस्पताल में एक आपरेशन के दौरान इमरजेंसी लाइट तक की व्यवस्था नहीं थी।
तस्वीरें BHU से वायरल होने के बाद तमाम दावों की कलई उतरती नजर आती है जहाँ काशी को क्योटो बनाने की बात कही जाती है, कम से कम क्योटो में तो मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज नहीं किया जाता होगा।