वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शताब्दी वर्ष समारोह के अवसर पर ललित कला विभाग में सांध्यकालीन रंगारंग कार्यक्रम संस्कार भारती एवं ललित कला विभाग के तत्वाधान में आयोजित हुई। आज अंतिम दिन प्रथम कार्यक्रम मे रमेश गयावाली के बांसुरी के सुर से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध होना पड़ा। डॉ रमेश ने राग हंस ध्वनि में धुन बजाई तथा राग पहाड़ी में ठुमरी सुना कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ तबले पर पंकज राय और पखावज पर आदित्य जी संगत देते रहे।तत्पश्चात काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के प्रोफेसर के चंचल ने राग रागेश्री में ख्याल गायकी प्रस्तुति की।
चंचल के मुखसे, धन धन भाग भाग ओ पिया के मन भायों बंदिश के द्वारा लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस गायन के पश्चात काशी विद्यापीठ के पूर्व छात्र प्रदीप पांडे ने दो गजलों की प्रस्तुति की। उन्होंने अपने गजल में तुम तो ठहरे परदेसी… का विशेष गायन किया। इनके सा ढोलक पर हिमांशु सिंह तथा तबला पर प्रदीप मिश्रा ने संगत किया। कार्यक्रम में धीरज कुमार बीएफए तृतीय वर्ष के छात्र ने अपने ब्रेक डांस की प्रस्तुति दी। इसी कड़ी में तन्मय ने अपने गायन से सभी श्रोताओं को प्रभावित किया। इसके पश्चात लड़ाई नाटक की प्रस्तुति हुई, जिसमें सत्य के लिए संघर्ष करते हुए आदमी की व्यथा का चित्रण हुआ। एक आम आदमी सत्य के लिए इतना परेशान हो जाता है कि वह लड़ते लड़ते पागल हो जाता है। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के द्वारा लिखित इस नाटक की परिकल्पना एवं निर्देशन उत्कर्ष उपेंद्र सहस्त्रबुद्धे ने किया और इसका संगीत संकल्पना अर्चना निगम के द्वारा की गई।
इस कार्यक्रम के पश्चात आकाश यादव द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की गई जिसके तुरंत बाद अर्चना कुमारी ने अपना गायन प्रस्तुत कर लोगों को अपने साथ गाने पर मजबूर कर दिया। हर्ष गुप्ता ने डांस की प्रस्तुति की तदोपरांत माधवी गंगा ने मनोरम डांस प्रस्तुत किया। अमित मिश्रा और आशीष कुमार ने काव्य पाठ प्रस्तुत कर लोगों को हंसाया। सांध्य कालीन सत्र की अंतिम प्रस्तुति श्रीधर शर्मा द्वारा द्रौपदी चीरहरण नृत्य की प्रस्तुति रही जिससे सभी व्यक्ति करुणा से ओतप्रोत होंगये।
इस अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ सुनील कुमार सिंह कुशवाहा, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से डॉक्टर संगीता घोष, अर्पिता चौरसिया, डॉक्टर शत्रुघ्न प्रसाद, डॉक्टर शशिकांत नाग, अर्चना पांडे, गौरव दुबे, श्री वेद प्रकाश मिश्र, प्रतिमा शर्मा, मनोज सिंह, रामकृष्ण वर्मा, संध्या वर्मा, श्री शशि शर्मा आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अर्पिता मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन ललित कला विभाग के प्रभारी डॉ सुनील कुमार विश्वकर्मा ने किया।