राजस्थान कांग्रेस की पूर्व नेता राधिका खेड़ा सबसे पुरानी पार्टी छोड़ने के कुछ दिनों बाद मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गईं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की प्रवक्ता रही खेड़ा ने अपने खिलाफ साजिश का आरोप लगाते हुए रविवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर का दौरा करने के लिए दंडित किया गया था। खेड़ा के साथ अभिनेता शेखर सुमन भी JP में शामिल हो गए। राधिका खेड़ा और शेखर सुमन ने दिल्ली स्थित बीजेपी के हेडक्वार्टर में पार्टी की सदस्यता ली।
खेड़ा ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पार्टी नेताओं ने उन्हें परेशान किया, एक कमरे में बंद कर दिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने यह मुद्दा पार्टी नेताओं के सामने उठाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
भाजपा में शामिल होने के बाद खेड़ा ने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाते हुए समर्थन के लिए भगवा पार्टी को धन्यवाद दिया। खेड़ा ने कहा, “मैं परसों तक कांग्रेस में रही और न्याय मांगती रही परन्तु जो अपनी पार्टी की बेटी को न्याय नहीं दे सके। जिसने अपने जीवन के 22 साल पार्टी को दे दिया उसे न्याय नहीं दे पाए तो जनता भी देख रही है कि वो उन्हें क्या न्याय दे पाएंगे। मैं देश की जनता को कहना चाहूंगी कि जो अपना घर नहीं संभाल पा रहे हैं, वो जो 5 न्याय में से एक महिला न्याय की बात कर रहे हैं वह वो पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो वह किसी के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे।”
वहीं भगवा पार्टी में शामिल होने के बाद अभिनेता शेखर सुमन ने कहा, “मैं इसको राजनीति और अपने आप को राजनेता नहीं मानता हूं मैं अभिनेता ही रहूंगा लेकिन हमारा एक सामाजिक दायित्व है। उसके तहत हम क्या कर सकते हैं ये सोच कर मैं यहां आया हूं। मुझे लगता है कि हम बाहर बैठ कर बहुत सारी बातें करते रहते हैं। हमें व्यवस्था में शामिल होने की और अंदर से उसे देखने परखने की जरूरत है। आखिरकार हमें अपने देश को विकसित और वैश्विक पटल पर देखना है। हमें गर्व महसूस करना है कि हम भारतीय हैं।”
राधिका खेड़ा को पूरी गाथा ये है-
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने इस्तीफे में राधिका खेड़ा ने कहा था कि उन्हें पार्टी के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ा क्योंकि वह खुद को राम मंदिर जाने और राम लला की मूर्ति की एक झलक पाने से नहीं रोक सकीं।
उन्होंने कहा था, “मैंने अपने जीवन के 22 साल से अधिक इस पार्टी को दिए हैं और एनएसयूआई से लेकर कांग्रेस के मीडिया विभाग तक पूरी ईमानदारी से काम किया है। इसके बावजूद, मुझे इतने तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि मैं अयोध्या में राम का समर्थन कर रही हूं।”
अपने त्यागपत्र में खेड़ा ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस इकाई में उनका अपमान किया गया तो उन्हें न्याय नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता छोड़ रही हैं और उन्होंने “बहुत दर्द” के साथ अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने कहा, “हां, मैं एक लड़की हूं और लड़ सकती हूं। मैं अब यही कर रही हूं। मैं अपने और अपने देशवासियों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ती रहूंगी।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने हमेशा दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब खुद के न्याय की बात आई तो मैंने खुद को पार्टी में पराजित पाया। भगवान राम की भक्त और एक महिला होने के नाते, मैं बहुत आहत हूं।”
बाद में एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए, खेड़ा ने कहा कि उन्होंने कभी भी पार्टी लाइन नहीं पार की और खुद को सनातन धर्म का अनुयायी बताया।
उन्होनें कहा, “राम लला की जन्मभूमि श्री अयोध्या धाम हम सभी के लिए बहुत पवित्र स्थान है और मैं खुद को वहां जाने से नहीं रोक सकी। लेकिन वहां जाने का मुझे इतना विरोध सहना पड़ेगा यह मैंने कभी नहीं सोचा था। मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में अभद्रता हुई, मुझे वहां कमरे में बंद कर दिया गया, मैं छोटे से लेकर बड़े से बड़े नेतृत्व तक चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला। आज मैंने अपने पार्टी पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि रामलला मुझे न्याय जरूर देंगे।”