ज्ञानेन्द्र पाण्डेय: केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार 1 फरवरी 2021 को देश के वित्त वर्ष 2021 – 22 का बजट लोकसभा में पेश कर दिया। उनका यह तीसरा बजट है। इससे पहले पिछले साल उन्होंनेदूसरी बार देश का बजट संसद में पेश किया था। एक महिला वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने पहली बार 5 जुलाई 2019 को संसद में बजट पेश किया।
निर्मला सीतारमण का पहला बजट 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद दूसरी बार वजूद में आने वाली नरेन्द्र मोदी सरकार का भी पहला ही बजट था । इससे पहले 2014 से 2019 के बीच दिवंगत अरुण नेहरु और पीयूष गोयल ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बजट रखने की जिम्मेदारी का निर्वाह किया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष का बजट अंतरिम बजट के रूप में पीयूष गोयल ने पेश किया था ।
एक महिला वित्त मंत्री के रूप में भारत जैसे देश का लगातार तीसरी बार बजट पेश करने के चलते निर्मला सीतारमण ने इतिहास में भी अपना नाम दर्ज करा लिया है ।गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला वित्त मंत्री भी हैं। उनके पहले केवल एक बार प्रधान मंत्री के रूप में वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी अपने पास ही रखने की वजह से इंदिरा गाँधी ने एम् महिला वित्त मंत्री के हेसियत से संसद में देश का वार्षिक बजट पेश किया था। इंदिरा गाँधी के बजट पेश करने का पहला और आखिरी मौका भी एक ही था। कोरोना काल का पहला बजट होने की वजह से इस बार वित्त मंत्री के लिए बजट में कुछ ख़ास करने की गुंजाइश इसलिए भी नहीं थी क्योंकि कोरोना से बचाव के लिए कई महीनों तक लगाए गए लॉकडाउन की वजह से देश में हर तरह का कामकाज बंद रहा था। और इस वजह से हुए नुक्सान की भरपाई के लिए सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान कई बार अलग – अलग तरह के आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी पडी थी अलग – अलग समय पर की गई ये घोषणाएं भी एक तरह से इसी बजट का हिस्सा मानी जा रही हैं।
इस पृष्ठभूमि में देखें तो निर्मला सीतारमण को इस बार बजट में कुछ ख़ास करने की जरूरत भी नहीं थी पर इसी साल पश्चिम बंगाल , तमिलनाडु , केरल और असम विधान सभाओं के चुनाव भी होने हैं इसलिए इस राजनीतिक जरूरत का ध्यान रखते हुए बजट में कुछ ऐसी घोषणाएं की गई हैं जिससे इन राज्यों के मतदाता केंद्र और देश के आधे से ज्यादा राज्यों में सत्ता रूढ़ भाजपा के प्रति आकर्षित हो सकें . इसीलिए आर्थिक विशेषज्ञों के एक तबके ने इसे राजनीतिक बजट का नाम भी दे दिया है .. इस बजट में आय कर की मद में आम उपभोक्ता को कोई राहत नहीं दी गई है . दूसरे करों की अदायगी भी कमोबेस पिछले साल के पैटर्न पर ही है . कुल मिला कर ये एक सामान्य बजट है अलबत्ता विपक्ष की राय में इस बजट आम उपभोक्ताओं को कोई लाभ नहीं होगा और किसान हित में भी इस बजट में कुछ नही है . इसके बावजूद निर्मला सीतारमण के इस तीसरे बजट की कुछ ख़ास बातों को इन बिन्दुओं के तहत विश्लेषित कर समझा जा सकता है कि बजट प्रस्तावों के मुताबिक़ यह एक कैशलेस यूज़र.फ्रेंडली बजट है जिसमें आय कर के विवादों के हल के लिए एक आय कर न्यायाधिकरण के गठन का प्रावधान है और इस बजट में 75 साल से उपर की उम्र के आयकर दाताओं को आय कर रिटर्न भरने से मुक्त रखा गया है . . इस बजट के मुताबिक़ किसान हित में इस साल कृषि कर्ज लक्ष्य 16 . 5 लाखवृद्धि करोड़ रुपये रखा गया है और् ग्रामीण बुनियादी ढांचें में सुधार के लिए सुरक्षित रखे जाने वाले कोष की रकम 30 हजार करोड़ रुपये से बढ़ा कर् 40 हजार करोड़ रुपये कर दी गई है . इसी तरह स्वास्थ्य की मद में कोविड वेक्सीन के लिए 35हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था करने के साथ ही स्वास्थ्य पर होने वाले कुल खर्च के लिए 2 .38लाख करोड़ रुपये का आबंटन इस बजट में किया गया है.
इसके अलावा प्रधान मंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 64,180 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है .कृषि , ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य के साथ ही रेलवे के पूंजीगत खर्च के लिए 1 .1 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था करने के साथ ही निर्मला सीतारमण के इस तीसरे वार्षिक बजट में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए भी पर्याप्त प्रावधान उपलब्ध कराये गए हैं . बुनियादी ढाँचे के इन्हीं प्रावधानों के तहत –
- बिजली वितरण में सुधार के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये किया गया है।
- पूंजीगत खर्च 4.39 लाख करोड़ से बढ़कर 5.54 लाख करोड़ रुपये किया गया है .
- इसी क्रम में बैंकिंग और बीमा क्षेत्रों की वित्तीय संस्थानों के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश 74 फीसदी की दर से हो सकेगा.
- बजटमें वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए 42 शहरी केंद्रों को 2,217 करोड़ देने का प्रावधान भी किया गया है।
- पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के लिए नई नीति लाई जाएगी।
- वित्त वर्ष 2020-21 में वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 9.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
- प्रसंगवश उल्लेखनीय यह भी है कि भारत के वित्त मंत्री ने इस बार पहला डिजिटल बजट पेश किया। अपने संबोधन में केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई 2021 से जारी है और केंद्र सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण काम किए हैं । बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य और खुशहाली में 2,23,846 करोड़ रुपये का व्यय रखा गया है जबकि 2020-21 में यह 94,452 करोड़ रुपये था। यह 137 प्रतिशत वृद्धि है .इस बजट में 30.42 लाख करोड़ रुपये के वास्तविक बजट अनुमान व्यय की अपेक्षा व्यय के लिए मूल अनुमान 34.50 लाख करोड़ रुपये है2020-21 के बजटीय अनुमान के अनुसार 4.12 लाख करोड़ रुपये की अपेक्षा 202021 में वास्तविक अनुमान के अनुसार 4.39 लाख करोड़ रुपये हैं।2021-22 के बजट अनुमान में अनुमानित व्यय 34.83 लाख करोड़ रुपये रखा गया है .