इनकम टैक्स विभाग से कांग्रेस पार्टी को बड़ी राहत मिली है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आयकर विभाग आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जून के दूसरे सप्ताह तक 3,500 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कांग्रेस के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा।सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को करेगा। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पार्टी ने इस साल बकाया कर में 134 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, और अब हमने 1700 करोड़ का नोटिस भेजा है
उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया, “चूंकि चुनाव चल रहे हैं। हम इस समय (3,500 करोड़ रुपये) की वसूली के लिए दबाव नहीं डालेंगे। कृपया इसे जून के दूसरे सप्ताह तक टाल दें।”
यह मामला 2018 में कांग्रेस द्वारा दायर एक याचिका से संबंधित है, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें आयकर विभाग को मूल्यांकन वर्ष 2011-2012 के लिए अपने आयकर का पुनर्मूल्यांकन करने की अनुमति दी गई थी।
सॉलिसिटर जनरल के बयान के जवाब में, कांग्रेस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह “स्तब्ध और अवाक रह गए हैं”।
इस पर जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा, “आपको (कांग्रेस) हर समय किसी के बारे में नकारात्मक धारणा नहीं रखनी चाहिए।”
आज की अदालत को कार्यवाही में कांग्रेस ने 28 मार्च को उच्च न्यायालय द्वारा चार याचिकाओं को खारिज करने का भी उल्लेख किया, जिसमें पार्टी के खिलाफ शुरू की गई आयकर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट द्वारा खारिज की गई चार याचिकाएं मूल्यांकन वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 से संबंधित हैं।
एक दिन बाद कांग्रेस ने 29 मार्च को कहा कि उसे मूल्यांकन वर्ष 2017-18 और 2020-21 के लिए 1,823 करोड़ रुपये के कर नोटिस मिले।
आयकर विभाग ने पार्टी को तीन और नोटिस जारी किए हैं, जिससे कुल कर मांग 3,567 करोड़ रुपये हो गई है।
इस बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पोस्ट कर कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर 3567 करोड़ का जुर्माना क्यों? कांग्रेस पर आरोप है कि 1994-95 में, फिर 2014-15 व 2016-17 आदि में पार्टी के खाते में नेताओं-कार्यकर्ताओं ने कुछ रुपये कैश में जमा कराए थे जिसकी एक-एक जानकारी पहले ही इनकम टैक्स विभाग को साझा की जा चुकी थी। मगर सरकार कांग्रेस पर जनकारी न देने का मनमाना आरोप थोप रही है।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के खाते से इनकम टैक्स विभाग ने 135 करोड़ निकाल लिए, पार्टी पर 3567 करोड़ का जुर्माने का नोटिस और कांग्रेस के बैंक खाते बंद कर दिये गये। BJP के पैसों का जो हिसाब-किताब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद है, उसके मुताबिक, 2017-18 में 1297 लोगों ने बिना नाम-पते के, बिना पूरी जानकारी के BJP को 42 करोड़ रुपये दिए हैं। BJP की इस बेनामी 42 करोड़ रुपये की आय पर इनकम टैक्स विभाग को न कोई आपत्ति है, न कोई कार्रवाई हुई है।”
प्रियंका ने कहा, “राजनीतिक दलों के पैसों के हिसाब-किताब के नियमों का जो उल्लंघन बीजेपी ने किया है, उसके लिए उनपर 4600 करोड़ रुपये का जुर्माना बनता है। लेकिन उस पर चूँ की आवाज भी नहीं उठती। जो नियम कांग्रेस पर लागू किया जा रहा है वही नियम BJP पर क्यों लागू नहीं होता? दरअसल, चुनाव के समय यह एकतरफा कार्रवाई हमें और 140 करोड़ भारतवासियों की आवाज कमजोर करने के लिए की जा रही है। हम दोगुनी ताकत से लड़ेंगे। देश की जनता BJP के लोकतंत्र-विरोधी मंसूबे कभी पूरे नहीं होने देगी।”