पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक सिख पुलिस अधिकारी को “खालिस्तानी” कहे जाने की घटना पर “अज्ञात भाजपा नेताओं” के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। यह घटना संदेशखाली में बीजेपी के मार्च के दौरान हुई थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आईपीएस अधिकारी का एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें लोगों से घिरे पुलिस अधिकारी जसप्रीत सिंह इस बात पर आपत्ति जताते दिख रहे हैं कि उन्हें उनकी ‘धार्मिक पहचान के आधार पर खालिस्तानी क्यों कहा गया।
पुलिस अधिकारी की पहचान 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह के रूप में की गई है। वह वर्तमान में पश्चिम बंगाल पुलिस में विशेष अधीक्षक (खुफिया) के पद पर तैनात हैं।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक वीडियो भी शेयर किया था और इस घटना को शर्मनाक बताया था। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ता एक सिख आईपीएस अधिकारी को सिर्फ इसलिए खालिस्तानी कह रहे हैं क्योंकि वह अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। क्या सिखों के बारे में बीजेपी यही सोचती है? इस गुंडागर्दी को अंजाम देने और सिखों को खालिस्तानियों के रूप में चित्रित करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि वह भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ही थे जिन्होंने सिख पुलिस अधिकारी के खिलाफ ‘खालिस्तानी’ शब्द का इस्तेमाल किया था।
2016 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह धमखाली में अपनी टीम के साथ तैनात थे। शुभेंदु अधिकारी को कालिंदी नदी के उस पार संदेशखाली जाने से रोकने के लिए उन्होंने बैरिकेड लगाए हुए थे। इसी बीच कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने जसप्रीत सिंह को खालिस्तानी कह दिया, जिससे वो नाराज़ हो गए। वह बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहते नज़र आए, “आप कह रहे हैं कि मैं खालिस्तानी हूँ? मैं इस पर एक्शन लूंगा। मैंने पगड़ी पहनी है तो आप लोग ये बोल रहे हैं। अगर मैंने पगड़ी न पहनी होती तो क्या आप मुझे खालिस्तानी बोलते? आपको पुलिस को कहना है कहिए, मेरे धर्म पर नहीं बोल सकते। मैं आपके धर्म पर नहीं बोल रहा। मुझे क्यों खालिस्तानी बोला? जब आपके धर्म पर किसी ने नहीं बोला, मेरे धर्म पर क्यों बोला?”
अज्ञात भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर भारतीय दंड संहिता के धारा 295ए (धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादा), 505(2) (वर्गों के बीच दुश्मनी, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत दर्ज की गई है।
गुरमीत सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा दायर की गई शिकायत में कहा गया है कि “अज्ञात भाजपा नेताओं/सदस्यों” ने सिख पुलिस अधिकारी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और समुदायों के बीच नफरत और दुर्भावना फैलाने के लिए उन्हें ‘खालिस्तानी’ कहा।
भाजपा ने सिख आईपीएस अधिकारी पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को संदेशखाली का दौरा करने की अनुमति दी थी।
कई महिलाओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाने के बाद संदेशखाली कई हफ्तों से सुलग रहा है।
ममता बनर्जी द्वारा जसप्रीत सिंह को ‘खालिस्तानी’ कहे जाने का वीडियो पोस्ट करने के बाद, भाजपा ने उन पर “संदेशखाली घटना से ध्यान भटकाने की कोशिश” का आरोप लगाया है।