प्रसिद्ध वास्तु विशेषज्ञ खुशदीप बंसल को 65 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी असम पुलिस ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सहयोग से की। बंसल 27 साल पहले यह दावा करके सुर्खियों में आए थे कि पुराने संसद भवन की लाइब्रेरी में वास्तुशिल्प दोष थे, जिसके बारे में उनका मानना था कि यह सरकारों के पतन का कारण बना।
स्पेशल सेल की काउंटरइंटेलिजेंस यूनिट (सीआई) ने राष्ट्रीय राजधानी के बाराखंभा इलाके से खुशदीप बंसल और उसके भाई हरीश की गिरफ्तारी की।गिरफ्तारी के बाद असम पुलिस आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर असम के लिए रवाना हो गई।
असम पुलिस ने पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से संपर्क किया था और उन्हें सूचित किया था कि खुशदीप बंसल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट है और वह राजधानी के सैनिक फार्म इलाके में रहते हैं।
असम में 65 करोड़ रुपये के स्वायत्त परिषद घोटाले में मध्य प्रदेश के एक कांग्रेस नेता के बेटे समेत कुल पांच लोग आरोपी हैं। मामले में गौहाटी हाई कोर्ट ने सर्च वारंट जारी किया है।
दिल्ली स्थित सबरवाल ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक कमल सबरवाल ने 2022 में शिकायत दर्ज कराई थी।
खुशदीप बंसल ने दिल्ली पुलिस को बताया कि उसने एक अन्य व्यक्ति को सबरवाल से मिलवाया था और उस पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। असम पुलिस ने कहा है कि सभी आरोपी लोग इस घोटाले में शामिल थे।
वास्तु विशेषज्ञ कई सरकारी परियोजनाओं के सलाहकार होने के साथ-साथ प्रमुख व्यवसायियों और उद्योगपतियों के रणनीतिक सलाहकार भी रहे हैं।