झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद अब 5 फरवरी (सोमवार) को विश्वास मत हासिल करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड सरकार की पहली कैबिनेट बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है।
इस बीच राज्य का राजनीतिक नाटक शुक्रवार को हैदराबाद शिफ्ट हो गया, जब सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन के लगभग 39 विधायकों को इस आशंका के बीच तेलंगाना की राजधानी में ले जाया गया कि भाजपा विश्वास मत से पहले उन्हें “खरीदने” का प्रयास कर सकती है।
हैदराबद में अपने आगमन के बाद विधायक लक्जरी बसों में शहर के बाहरी इलाके शमीरपेट में ‘लियोनिया होलिस्टिक डेस्टिनेशन’ के लिए रवाना हुए।
विवरण के अनुसार, विधायकों को रिसॉर्ट की पहली चार मंजिलों पर रखा गया है, जबकि परिसर को अन्य मेहमानों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिन मंजिलों पर विधायक रह रहे हैं, वहां पुलिस सुरक्षा के साथ केवल एक लिफ्ट के जरिए ही पहुंचा जा सकता है।
विधायकों के लिए फर्स्ट फ्लोर पर अलग से भोजन की व्यवस्था की गयी है।
इससे पहले शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन के साथ-साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता सत्यानंद भोक्ता को झारखंड मंत्री पद की शपथ दिलाई थी।
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के 39 विधायकों को विमान से हैदराबाद भेजा गया।