छत्तीसगढ़ की सीमा पर टेकलगुडेम गांव में एक ऑपरेशन के दौरान माओवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में तीन जवान शहीद और 15 अन्य घायल हो गए। यह गांव बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर स्थित है। नक्सली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सुरक्षा बलों ने इलाके में कैंप लगाया है, जिससे स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा। शिविर स्थापित करने के बाद, सीआरपीएफ के कोबरा, जिला रिजर्व समूह (डीआरजी) और विशेष कार्य बल के जवान जोनागुडा-अलीगुडा क्षेत्र में गश्त कर रहे थे, तभी माओवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं।
सीआरपीएफ की कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) एक जंगल युद्ध यूनिट है।
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इसके बाद हुई गोलीबारी में तीन जवान शहीद हो गए और 14 अन्य घायल हो गए। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली जंगल में भाग गए। घायल जवानों को इलाज के लिए रायपुर भेजा गया है। सूत्रों के हवाले से पीटीआई एक रिपोर्ट में कहा गया कि घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों की मांग की गई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के बालाजी अस्पताल में घायल जवानों से मुलाकात की।
छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने कहा, ”नक्सलियों की ओर से फायरिंग हुई थी। हमारे जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। वीडियो फुटेज हैं जिसमें नक्सली अपने लोगों के शव उठा रहे हैं। कुल 15 जवान घायल हो गए हैं और 3 की जान चली गई है।”
वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे जवानों ने गोलीबारी में मुंहतोड़ जवाब दिया। जब से छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनी है, हम नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। तीन जवान शहीद हो गए। डबल इंजन सरकार आने वाले दिनों में नक्सलियों का खात्मा कर देगी।”