कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने असम में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित एक पत्र में खड़गे ने पिछले कुछ दिनों में कथित तौर पर हुई गंभीर सुरक्षा चूक का विवरण दिया है। बता दें कि गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता मंगलवार को गुवाहाटी के बाहरी इलाके में पुलिस कर्मियों से भिड़ गए, जिसके परिणामस्वरूप गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एफआईआर में उन पर आपराधिक साजिश, गैरकानूनी सभा और शांति भंग करने का आरोप लगाया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने खड़गे के पत्र की एक प्रति ट्विटर पर साझा की, जिसमें कथित तौर पर असम सरकार द्वारा बनाए गए “डर और धमकी के माहौल” के बारे में पार्टी की चिंताओं को उजागर किया गया है।
इस पत्र में अमित शाह से हस्तक्षेप करने और गांधी और यात्रा में चल रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है। इसमें असम के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से आगे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का अनुरोध भी किया गया है।
पत्र में खड़गे ने लिखा- “21 जनवरी को यात्रा पर सोनितपुर ज़िले में हमला किया गया, जो स्थानीय एसपी थे वो राज्य के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के भाई थे। उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जबकि कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम पर हमला किया। इन लोगों ने हमारे महासचिव जयराम रमेश पर भी हमला किया। उनकी कार पर हमला हुआ।”
उन्होंने कहा, “बीजेपी कार्यकर्ताओं ने असम कांग्रेस कमेटी केअध्यक्ष भूपेन बोरा पर हमला किया और इस हमले में उन्हें चोट आयी। अगले दिन 22 जनवरी को नगांव ज़िले में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के काफिले को रोका और उनके काफ़ी करीब आ गए। इस सभी परेशान करने वाले वाकयों के समय असम पुलिस बीजेपी कार्यकर्ताओं को संरक्षण देती रही।”
https://x.com/kharge/status/1749996528339406891?s=20
खड़गे का पत्र यात्रा पर कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कई हमलों की ओर इशारा करता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ऐसे कई उदाहरण भी गिनाए जहां असम पुलिस को Z+ सुरक्षा प्राप्त राहुल गांधी को “पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में लापरवाही करते हुए” पाया गया है।
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खड़गे ने आरोप लगाया, “असम पुलिस व्यवस्थित रूप से खड़ी रही और/या भाजपा कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी के काफिले के करीब आने की अनुमति दी, जिससे उनका सुरक्षा घेरा टूट गया और उनकी और उनकी टीम की सुरक्षा खतरे में पड़ गई।”
मालूम हो कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’, जो 14 जनवरी को मणिपुर के इंफाल से शुरू हुई है, 6,700 किलोमीटर की दूरी तय करके मुंबई में समाप्त होगी। इस यात्रा का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को एकजुट करते हुए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों को संबोधित करना है।
कांग्रेस ने इस यात्रा को नरेंद्र मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एक मंच के रूप में पेश किया है, जिसमें श्रम कानूनों से निपटने और विपक्षी हस्तियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग शामिल हैं।