पूर्व किकेटर सचिन तेंदुलकर द्वारा एक डीपफेक वीडियो पर चिंता जताए जाने के बाद मुंबई पुलिस ने एक गेमिंग साइट और एक फेसबुक पेज के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वायरल डीपफेक वीडियो में झूठा दिखाया जा रहा था कि तेंदुलकर गेमिंग ऐप का प्रचार कर रहे हैं। इस मामले में पूर्व क्रिकेटर के निजी सहायक द्वारा दायर एक शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) और आईटी अधिनियम की धारा 66 (ए) (संचार सेवा के माध्यम से आपत्तिजनक संदेश भेजना) के तहत साइबर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इससे पहले, डिजिटल रूप से हेरफेर की गई क्लिप और तेंदुलकर की आवाज वाला एक डीपफेक वीडियो फेसबुक पर साझा किया गया था, जिसमें यह झूठा दिखाया गया था कि पूर्व दिग्गज बल्लेबाज एक गेमिंग ऐप का प्रचार कर रहे थे।
डीपफेक ने यह धारणा बनाने की भी कोशिश की थी कि तेंदुलकर और उनकी बेटी सारा ने एक निश्चित ऑनलाइन गेम खेलकर बड़ी रकम जीती है।
शिकायत के मुताबिक, वीडियो को एडिट कर फेसबुक पर पोस्ट किया गया। शिकायत में कहा गया कि तेंदुलकर के हावभाव और आवाज की नकल करने के लिए डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस ने गेमिंग साइट और फेसबुक पेज के मालिक के बारे में विवरण साझा नहीं किया।
तेंदुलकर ने खुद अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर फर्जी वीडियो को चिह्नित किया था। उन्होंने वीडियो को प्रौद्योगिकी का “परेशान करने वाला” दुरुपयोग बताया और जोर देकर कहा था कि यह नकली था।
तेंदुलकर ने एक्स पर अपील जारी करते हुए कहा था, “ये वीडियो फर्जी हैं। प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग देखना परेशान करने वाला है। सभी से बड़ी संख्या में इस तरह के वीडियो, विज्ञापनों और ऐप्स को रिपोर्ट करने का अनुरोध करें।”
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को शिकायतों के प्रति सतर्क और प्रतिक्रियाशील रहने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा था, “गलत सूचना और डीपफेक के प्रसार को रोकने के लिए उनकी ओर से त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण है।”