दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने के संबंध में 97 मामले दर्ज किए हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे फोड़ने पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़े गए।
ये है मामलों की संख्या और संबंधित इलाके:
– उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 17 मामले दर्ज किए गए।
– दक्षिणी दिल्ली में 2 मामले दर्ज किए गए।
– दिल्ली के उत्तरी जिले में 8 मामले दर्ज किए गए।
– पूर्वी दिल्ली में 29 मामले दर्ज किए गए।
– राष्ट्रीय राजधानी के शाहदरा इलाके में 13 मामले दर्ज किए गए।
– दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम इलाके में 28 मामले दर्ज किए गए।
राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी और बाहरी उत्तरी इलाकों में कोई केस दर्ज नहीं किया गया।
दिल्ली पुलिस पाबंदी की बावजूद पटाखे जलाने पर धारा 188 के तहत केस दर्ज करती है। दरअसल, भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अनुसार, अगर कोई शख्स लॉक डाउन या उसके दौरान सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है।
DPCC के विश्लेषण के मुताबिक इस साल दिवाली के दिन राष्ट्रीय राजधानी में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर में पिछले साल की दिवाली वाले दिन के मुकाबले क्रमश: 45 प्रतिशत और 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
दिवाली पर राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़े गए, जिसके कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। सोमवार सुबह शहर के कुछ इलाकों में AQI का स्तर 900 के पार पहुंच गया। शहर के मध्य में स्थित इंडिया गेट क्षेत्र में AQI का स्तर 999 रहा। Aqicn.org के अनुसार, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम क्षेत्र में, AQI सुबह 999 पर था और बाद में घटकर 553 पर आ गया। पूसा रोड क्षेत्र में AQI 970 दर्ज किया गया, और आनंद विहार क्षेत्र में यह 849 पर रहा।