भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान के तिजारा में एक हालिया रैली में गुरुद्वारों पर की गई टिप्पणी को लेकर संदीप दायमा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह घटनाक्रम राजस्थान विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले सामने आया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 नवंबर को तिजारा में एक रैली के दौरान, दायमा ने कहा था कि रेगिस्तानी राज्य में जो गुरुद्वारे बने हैं, वे नासूर बन जाएंगे और उन्हें उखाड़ दिया जाना चाहिए। दायमा बीजेपी उम्मीदवार के लिए वोट मांग रहे थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में विवादित टिप्पणी की थी।
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हालांकि आपत्तिजनक बयान को लेकर बीजेपी नेता संदीप दायमा ने बाद में माफ़ी भी मांगी। दायमा ने अलवर के गुरुद्वारा साहिब पहुंच कर श्री गुरु ग्रंथसाहिब के आगे नतमस्तक हो कर लिखित में माफी मांगी। उनकी टिप्पणी से सिख समाज में गहरा रोष उत्पन्न हो गया था।
उनकी टिप्पणी को लेकर पंजाब में भाजपा नेताओं ने उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की। पिछले साल भाजपा में शामिल हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पार्टी आलाकमान से दायमा को निष्कासित करने और नफरत फैलाने वाले भाषण पर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया।
अमरिंदर सिंह ने कहा, “मैं भाजपा आलाकमान से मस्जिदों और गुरुद्वारों के खिलाफ नफरत भरी टिप्पणी के लिए संदीप दायमा को तुरंत पार्टी से निष्कासित करने का आग्रह करता हूं। उनकी माफी का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उनकी टिप्पणियों से पहले ही नेक इरादे वाले लोगों को काफी ठेस पहुंची है। न केवल उन्हें निष्कासित किया जाना चाहिए, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए, क्योंकि किसी को भी भड़काऊ नफरत वाले भाषणों के बाद केवल माफी मांगकर बच निकलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”
विवाद के बाद संदीप दायमा ने माफी जारी करते हुए दावा किया कि उनकी जुबान फिसल गई थी। दायमा ने एक वीडियो में कहा, “मैं ‘मस्जिद-मदरसा’ कहना चाहता था, लेकिन किसी तरह मुंह से गुरुद्वारा निकल गया।”
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