चुनाव आयोग (ईसीआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह मतदाता सूची के पंजीकरण में उचित स्पष्टीकरण परिवर्तन जारी करेगा। पोल पैनल के अनुसार, बदलावों से अब किसी वयस्क को मतदाता सूची प्रमाणीकरण के उद्देश्य से अपने आधार नंबर का विवरण डालने की आवश्यकता नहीं होगी। पोल पैनल ने शीर्ष अदालत को बताया कि वर्तमान में फॉर्म 6 और 6बी (मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए) में उन विवरणों की आवश्यकता होती है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान केवल मतदाता के रूप में पहचान की पुष्टि के लिए कॉलम में आधार नंबर मांगा जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके बिना मतदाता पहचान पत्र नहीं बनाया जा सकता।
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चुनाव आयोग ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति जेबी पारदी वाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि मतदाताओं के पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के तहत आधार संख्या का विवरण अनिवार्य नहीं है।
इसके बाद ईसीआई ने शीर्ष अदालत को एक वचन दिया कि जल्द ही स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा।
यह एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें फॉर्म 6 यानी नए मतदाताओं के लिए आवेदन पत्र और फॉर्म 6बी यानी नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए ईसीआई फॉर्म के मतदाता सूची प्रमाणीकरण के उद्देश्य से आधार संख्या की सूचना पत्र से संबंधित चिंताओं को इंगित किया गया था।
यह याचिका तेलंगाना प्रदेश समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी निरंजन द्वारा दाखिल की गई थी। याचिका में मतदाताओं के पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26बी में स्पष्टीकरणात्मक बदलाव की मांग की गई थी।
ईसीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि 66,23,00,000 आधार नंबर प्रमाणीकरण के लिए पहले ही अपलोड किए जा चुके हैं और मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।
ईसीआई के आश्वासन के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।