कांग्रेस संसदीय दल प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के आगामी विशेष सत्र के लिए सरकार के एजेंडे का विवरण मांगा। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया गांधी ने कहा कि विपक्ष के साथ पूर्व परामर्श के बिना सत्र बुलाया गया है। गांधी ने विशेष सत्र में नौ मुद्दों पर चर्चा के लिए समय आवंटित करने के लिए भी कहा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा, “अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी भी परामर्श के बिना विशेष सत्र बुलाया गया है। हममें से किसी को भी इसके एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
अपने पत्र में गांधी ने लिखा, “आपने 18 सितंबर, 2023 से शुरू होने वाले संसद का एक विशेष पांच दिवसीय सत्र बुलाया है। मुझे यह बताना है कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी भी परामर्श के बिना बुलाया गया है। हममें से किसी को भी इसके एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
Here is the letter from CPP Chairperson Smt. Sonia Gandhi ji to PM Modi, addressing the issues that the party wishes to discuss in the upcoming special parliamentary session. pic.twitter.com/gFZnO9eISb
— Congress (@INCIndia) September 6, 2023
उन्होंने कहा कि विपक्ष को जो एकमात्र जानकारी मिली है वह यह है कि “सरकारी कामकाज” के लिए पांच दिन आवंटित किए गए हैं।
गांधी ने कहा कि जनता की चिंताओं को उठाने के लिए विपक्ष निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेगा। उन्होंने लिखा, “हम निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं क्योंकि इससे हमें सार्वजनिक चिंता और महत्व के मामलों को उठाने का मौका मिलेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा और बहस के लिए उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा।”
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद के विशेष सत्र में आर्थिक स्थिति, किसान संगठनों के साथ समझौते, अडाणी समूह के खुलासे, जातीय जनगणना की मांग, संघीय ढांचे पर हमले समेत नौ मुद्दों पर चर्चा का आग्रह किया है।
पूर्व कांग्रेस प्रमुख द्वारा सूचीबद्ध मुद्दे ये हैं:
1. आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बढ़ती बेरोजगारी, असमानताओं में वृद्धि और एमएसएमई के संकट पर ध्यान देने के साथ वर्तमान आर्थिक स्थिति।
2. एमएसपी और उनके द्वारा उठाई गई अन्य मांगों के संबंध में भारत सरकार द्वारा किसानों और किसान संगठनों से की गई प्रतिबद्धता।
3. तमाम खुलासों के मद्देनजर अडानी बिजनेस ग्रुप के लेनदेन की जांच के लिए जेपीसी की मांग।
4. मणिपुर के लोगों की निरंतर पीड़ा और राज्य में संवैधानिक तंत्र और सामाजिक सद्भाव का टूटना।
5. हरियाणा जैसे विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि।
6. चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर लगातार कब्ज़ा और लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हमारी सीमाओं पर हमारी संप्रभुता को चुनौती।
7. जाति जनगणना की तत्काल आवश्यकता।
8. केंद्र-राज्य संबंधों को पहुंचाया जा रहा है नुकसान।
9. कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और कुछ में सूखे के कारण प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव।
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि सरकार 18-22 सितंबर तक संसद का ‘विशेष सत्र’ आयोजित करेगी।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ”सोनिया गांधी ने (पीएम मोदी को) लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि विपक्ष के साथ बिना किसी चर्चा के सत्र बुलाया गया है। किसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यह पहली बार है कि हमारे पास एजेंडे का कोई विवरण नहीं है।”
श्रीमती सोनिया गांधी जी ने PM मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि यह सत्र बिना किसी वार्ता के मनमाने ढंग से बुलाया गया है।
विशेष सत्र से पहले पार्टियों से बात कर एक कार्य सूची तैयार की जाती है, लेकिन इसकी जानकारी हमारे पास नहीं है।
बुलेटिन के विशेष सत्र में पांचों दिन सरकारी बिजनेस… pic.twitter.com/cbUagd9IxJ
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जयराम रमेश ने आगे कहा, “हमने तय किया कि हम संसद के विशेष सत्र का बहिष्कार नहीं करेंगे। यह हमारे लिए जनता के मुद्दों को सामने रखने का मौका है और हर पार्टी अलग-अलग मुद्दों को सामने रखने की पूरी कोशिश करेगी।”
कल शाम को कांग्रेस स्ट्रेटेजी ग्रुप की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता श्रीमती सोनिया गांधी जी ने की।
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge जी के निवास पर INDIA गठबंधन के सभी फ्लोर लीडर्स की बैठक हुई।
बैठक में तय हुआ है कि हम सदन का बहिष्कार नहीं करेंगे और जनता के जरूरी मुद्दे… pic.twitter.com/Wil8kFoyQ0
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मालूम हो कि मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और खड़गे की अध्यक्षता में रणनीति समूह की बैठक में पार्टी का रुख तय किया गया, जहां दोनों सदनों में कांग्रेस के नेता भी मौजूद थे। कांग्रेस ने सरकार पर देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाते हुए विशेष सत्र का एजेंडा बताने को कहा। कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश और गोगोई ने कहा कि संसद देश की है और सरकार देश को अंधेरे में रख रही है।
गठबंधन के विपक्षी दलों ने मांग की कि सरकार 18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में पारदर्शिता बनाए रखे और देश को अंधेरे में न रखे, साथ ही उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को जल्द पारित करने का भी आह्वान किया।
बैठक में विपक्षी दलों ने आगामी सत्र में एक साथ चलने और अडानी मुद्दे को भी उठाने का फैसला किया। उन्होंने भारत पार्टियों की पहली संयुक्त सार्वजनिक रैली मध्य प्रदेश में और अगली बैठक भोपाल में आयोजित करने का भी निर्णय लिया।
बैठक में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, प्रमोद तिवारी, रवनीत बिट्टू के अलावा डीएमके के तिरुचि शिवा और टीआर बालू, एनसीपी की सुप्रिया सुले, आप के संजय सिंह और राघव चड्ढा, सीपीआई-एम के सीताराम येचुरी, राजद के मनोज झा, जेएमएम की माझी महुआ, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, सीपीआई के बिनॉय विश्वम, एसपी के राम गोपाल यादव, वीसीके के वाइको, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन मौजूद रहे।