कांग्रेस पार्टी ने राजधानी दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। ये एलान कांग्रेस पार्टी की नेता और प्रवक्ता अलका लांबा ने किया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों में सभी सात सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस एलान के तुरंत बाद ही पार्टी ने खुद को डैमेज कंट्रोल एक्सरसाइज में लगा दिया। अलका लांबा के बयान पर आम आदमी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जबकि कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा कि AAP के साथ गठबंधन पर ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई।
2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने अपनी दिल्ली इकाई की चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक की। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल समेत अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा, ”तीन घंटे तक चली बैठक में राहुल गांधी, खड़गे जी, केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया जी मौजूद रहे। हमें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी करने को कहा गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि हम सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करेंगे। सात महीने बचे हैं और सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को सभी सात सीटों के लिए तैयारी करने के लिए कहा गया है।”
#WATCH | Congress leader Alka Lamba says "In the three-hour long meeting, Rahul Gandhi, Kharge ji, KC Venugopal and Deepak Babaria ji were present. We have been asked to prepare for the upcoming Lok Sabha elections. It has been decided that we will contest on all 7 seats. Seven… pic.twitter.com/TKaHAIl2yW
— ANI (@ANI) August 16, 2023
इस पर आप नेता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, “अगर कांग्रेस ने पहले ही हमारे साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला कर लिया है, तो हमारे लिए अगली ‘INDIA’ गठबंधन बैठक में शामिल होने का कोई फायदा नहीं है। हमारा शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि हम अगली बैठक में शामिल होंगे या नहीं।”
#WATCH | On attending INDIA alliance meeting, AAP spokesperson Priyanka Kakkar says "…If they (Congress) don't want to form an alliance in Delhi, then it makes no sense to go for INDIA alliance, it is a waste of time. The party's top leadership will decide whether or not to… pic.twitter.com/gLv4mg4dRf
— ANI (@ANI) August 16, 2023
इस बीच, आप मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी कांग्रेस के फैसले के बारे में बात की और कहा, “2024 का चुनाव दिल्ली में अकेले लड़ने की संभावना है।” सौरभ भारद्वाज ने कहा, “…हमारा केंद्रीय नेतृत्व इस पर फैसला करेगा…हमारी राजनीतिक मामलों की समिति और भारतीय दल एक साथ बैठेंगे और इस (चुनावी गठबंधन) पर चर्चा करेंगे।”
#WATCH ऐसी बातें आती रहेंगी। जब INDIA के घटक दल मिलकर बैठेंगे, जब सभी पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व एक साथ बैठकर सीटों के बंटवारे पर चर्चा करेगा तब पता चलेगा कि किस पार्टी को कौन सी सीटें मिल रही हैं: कांग्रेस द्वारा दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की खबरों पर AAP नेता… pic.twitter.com/ilwbc7Zn4W
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2023
सौरभ ने अलका लांबा पर पलटवार करते हुए कहा कि ये बहुत छोटे-छोटे नेता हैं। इनकी जमानत भी नहीं बची। दोनों की ही जमानत कहां बची, दोनों के वोट मिला लें, तो भी वे नहीं जीतेंगे।
इसके बाद, शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व हरकत में आया और अलका लांबा की टिप्पणी को पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं बताते हुए खारिज कर दिया। एआईसीसी दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा, ”अलका लांबा एक प्रवक्ता हैं लेकिन वह ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने के लिए अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं। मैंने एक प्रभारी के रूप में कहा है कि आज बैठक में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई। मैं अलका लांबा के बयान का खंडन करता हूं।”
#WATCH | On Alka Lamba's statement regarding Delhi Congress asked to prepare to contest on all seven Lok Sabha seats, AICC in-charge Delhi Congress Deepak Babaria says "Alka Lamba is a spokesperson but she is not an authorised spokesperson for talking on such important issues. I… pic.twitter.com/rxCA7WpiqI
— ANI (@ANI) August 16, 2023
बाबरिया ने लांबा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आप पर भी चुटकी ली। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी में अपरिपक्व लोग हैं। अगर वे मीडिया रिपोर्टों के आधार पर इतना बड़ा फैसला लेना चाहते हैं तो भगवान भी उन्हें नहीं बचा सकते।”
कांग्रेस नेता अनिल भारद्वाज ने कहा, “अलका लांबा इस मामले पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ दिल्ली के नेताओं की आज की बैठक में (भारत) गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई।”
VIDEO | "Alka Lamba is not authorised to speak on this matter. In today's meeting of Delhi leaders with party central leadership, there was no discussion over (INDIA) alliance," says Congress leader @INCanilbhardwaj on Alka Lamba's statement that Congress is planning to contest… pic.twitter.com/iEzubruTJZ
— Press Trust of India (@PTI_News) August 16, 2023
बीजेपी की तरफ से एक बार फिर विपक्षी दलों के गठबंधन पर सवाल उठाए गए हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्विटर पर लिखा, “अब कांग्रेस दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। साफ है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के पैरों से दरी खींच ली है। ‘घमंडिया गठबंधन’ की तरफ से ये अभी पहला रुझान है। आगे कांग्रेस को यूपी में सपा, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में RJD-JDU के साथ भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है। कांग्रेस को या तो अकेले चुनाव लड़ना होगा या फिर किसी गठबंधन में तीसरे दर्जे की पार्टी रहकर पूरे देश में 100 सीट भी लड़ने को मिल पाना मुश्किल है। अब साफ हो रहा कि ‘घमंडिया गठबंधन’ केवल सदन में गतिरोध पैदा कर कामकाज रोकने की गलत नीयत व दिखावे के लिए बना था। यह गठबंधन ही 2024 तक नहीं टिकेगा।
अब कांग्रेस दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। साफ है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के पैरों से दरी खींच ली है। 'घमंडिया गठबंधन' की तरफ से ये अभी पहला रुझान है। आगे कांग्रेस को यूपी में सपा, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में RJD-JDU के साथ भी… https://t.co/Jk5HTveIcW
— Dharmendra Pradhan (मोदी का परिवार) (@dpradhanbjp) August 16, 2023
मालूम हो कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों 26 विपक्षी दलों के गठबंधन- ‘INDIA’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) का हिस्सा हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से मुकाबला करने के लिए 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी गठबंधन का गठन किया गया था।
दिल्ली सेवाओं पर केंद्र के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस और आप पहले भी आमने-सामने रहे थे। संसद में बिल पेश होने से पहले अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा में बिल को हराने के लिए गैर-भाजपा दलों से समर्थन मांगा था। कांग्रेस कई दिनों तक अपना रुख स्पष्ट करने से बचती रही, जिसके कारण अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक का बहिष्कार करने की धमकी दी थी।
बाद में विपक्षी दलों की बेंगलुरु बैठक से ठीक पहले कांग्रेस ने आखिरकार सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में आम आदमी पार्टी (आप) का समर्थन करने के अपने फैसले की घोषणा की थी।