सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। आज सुबह स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान 80 वर्षीय बुजुर्ग ने बेचैनी की शिकायत की थी। सुलभ इंटरनेशनल के एक बयान के अनुसार, बेचैनी की शिकायत के बाद उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया लेकिन कुछ देर बाद उनका निधन हो गया।
Sulabh founder Dr. Bindeshwar Pathak is no more pic.twitter.com/vhAR3eQCJv
— Sulabh International Social Service Organisation (@SulabhIntl) August 15, 2023
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक के रूप में, पाठक ने अपना जीवन शिक्षा के माध्यम से मानवाधिकारों, पर्यावरणीय स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों और अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित कर दिया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर एक पोस्ट में बिंदेश्वर पाठक के परिवार और सुलभ इंटरनेशनल के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिन्देश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई है। श्री पाठक ने स्वच्छता के क्षेत्र में क्रान्तिकारी पहल की थी। उन्हें पद्म-भूषण सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार तथा सुलभ इंटरनेशनल के सदस्यों को मैं अपनी शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।”
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिन्देश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई है। श्री पाठक ने स्वच्छता के क्षेत्र में क्रान्तिकारी पहल की थी। उन्हें पद्म-भूषण सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार तथा सुलभ इंटरनेशनल के सदस्यों को मैं अपनी शोक-संवेदनाएं…
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 15, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पाठक के निधन पर शोक जताया और इसे देश के लिए ”गंभीर क्षति” बताया। उन्होंने “सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने” के लिए काम करने के लिए पाठक की प्रशंसा की।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन दिया. हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा। उनका काम कई लोगों को प्रेरणा देता रहेगा। इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ऊं शांति।’
The passing away of Dr. Bindeshwar Pathak Ji is a profound loss for our nation. He was a visionary who worked extensively for societal progress and empowering the downtrodden.
Bindeshwar Ji made it his mission to build a cleaner India. He provided monumental support to the… pic.twitter.com/z93aqoqXrc
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2023
मालूम हो कि बिंदेश्वर पाठक ने 1970 में बिहार से सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की। तब से पाठक मलिन बस्तियों, ग्रामीण क्षेत्रों और शहरों में लोगों की पुरानी, अस्वच्छ शौचालय की आदतों को देखने के तरीके को बदलने के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने किफायती शौचालय प्रणालियाँ बनाईं जिससे लाखों लोगों का जीवन बेहतर और स्वस्थ हो गया है।
वह भारत में बाल्टी वाले शौचालयों से मानव अपशिष्ट को मैन्युअल रूप से साफ करने की प्रथा को समाप्त करने का भी प्रयास कर रहे थे। स्वच्छता के प्रति पाठक के अभिनव दृष्टिकोण के कारण 1749 कस्बों में शुष्क शौचालयों को दो गड्ढों वाले फ्लश शौचालयों में परिवर्तित किया गया और 160,835 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया।
पाठक भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण के प्राप्तकर्ता हैं। 2003 में उन्हें ग्लोबल 500 रोल ऑफ ऑनर में शामिल किया गया था और 2009 में उन्हें प्रतिष्ठित स्टॉकहोम वॉटर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी अन्य प्रशंसाओं में एनर्जी ग्लोब अवार्ड, सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए दुबई इंटरनेशनल अवार्ड और पेरिस में फ्रांसीसी सीनेट से लीजेंड ऑफ प्लैनेट अवार्ड शामिल हैं।
2020 में, एक सामाजिक नवप्रवर्तक के रूप में उनके काम का विवरण देने वाली एक पुस्तक, ‘नमस्ते, बिंदेश्वर पाठक!’ प्रकाशित किया गया था। न्यूयॉर्क में उनके नाम पर एक दिन भी मनाया गया। 2016 में मेयर बिल डी ब्लासियो ने 14 अप्रैल को बिंदेश्वर पाठक दिवस के रूप में घोषित किया था।