राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोषी हैं, और यही कारण है कि उन्होंने संसद में मणिपुर पर चर्चा शुरू नहीं की है। लालू यादव से संसद में मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की विपक्ष की मांग और उसके कारण लोकसभा और राज्यसभा में होने वाले व्यवधान के बारे में पूछा गया था। प्रधानमंत्री ने अभी तक कोई बयान क्यों नहीं दिया, इस पर टिप्पणी करते हुए यादव ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोषी हैं। इसलिए वह इसका सामना करने में असमर्थ हैं।”
#WATCH | On Opposition's demand for PM's presence in the Parliament for discussion on Manipur, RJD chief Lalu Prasad Yadav says, "PM is guilty, so he is unable to face it…"
When asked about his reported statement that PM Modi will settle abroad after losing 2024 Lok Sabha… pic.twitter.com/c9KMuOYsuR
— ANI (@ANI) August 1, 2023
राजद प्रमुख से प्रधानमंत्री पर उनके पिछले तंज के बारे में भी पूछा गया, जहां उन्होंने कहा था कि 2024 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद मोदी विदेश में बस जाएंगे। इस पर उन्होंने अपना बयान दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस की तरह भागना होगा, जो अपना देश छोड़कर भाग गए थे।
यादव ने कहा, “उन्हें बाहर जगह मिल रही है। उन्हें मार्कोस (फर्डिनेंड मार्कोस) की तरह भागना होगा। उन्होंने बहुत पाप किया है।”
इससे पहले रविवार को लालू प्रसाद ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में हार को लेकर चिंतित हैं और विदेश में ठिकाना तलाश रहे हैं। प्रसाद ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे मोदी के “भारत छोड़ो” तंज पर टिप्पणी मांगी गई थी। पीएम ने विपक्षी दलों के नए गठबंधन “इंडिया” पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया था।
लालू ने कहा था, “यह मोदी हैं जो पद छोड़ने की योजना बना रहे हैं…यही कारण है कि वह इतने सारे देशों का दौरा कर रहे हैं। वह ऐसी जगह की तलाश में हैं जहां वह आराम कर सकें और पिज्जा, मोमोज और चाउमीन का आनंद ले सकें।”
बता दें कि विपक्ष 20 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान पर जोर दे रहा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अमित शाह ने विपक्ष से मणिपुर में हिंसा पर चर्चा में हिस्सा लेने का आग्रह किया है। हालांकि, विपक्ष पहले संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर कायम है।