पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग (एचईसी) ने शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों में होली मनाने पर रोक लगा दी है। एचईसी का आदेश कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा 12 जून को परिसर में होली मनाने और घटना के वीडियो वायरल होने के कुछ दिनों बाद आया है। एक नोटिस में आयोग ने कहा कि “सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों” का पालन करने के लिए छात्रों को इस त्योहार का पालन करने से मना किया गया है।
Welcome to Pakistan where our ancient Holi festival is banned in universities. HEC has issued an announcement after students celebrated Holi.
Islamabad must understand that Holi/Diwali is part of the Sindhi culture —Islamabad neither accepts our Sindhi language nor does it honor… pic.twitter.com/LOWkOAYLcg— Veengas (@VeengasJ) June 21, 2023
नोटिस में कहा गया है, “इस तरह की गतिविधियां देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से पूरी तरह अलग हो जाती हैं और देश की इस्लामी पहचान को नुकसान पहुंचाती हैं।”
नोटिस में कहा गया है, “हालांकि इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सांस्कृतिक, जातीय और धार्मिक विविधता एक समावेशी और सहिष्णु समाज की ओर ले जाती है जो सभी धर्मों और पंथों का गहराई से सम्मान करता है, हालांकि इसे हद से आगे बढ़े बिना एक तरीके से करने की आवश्यकता है। छात्रों को निस्वार्थ निहित स्वार्थों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है जो उन्हें परोपकारी आलोचनात्मक सोच प्रतिमान से दूर स्वयं के के लिए उपयोग करते हैं।”
कायदे-ए-आजम यूनिवर्सिटी में होली समारोह के एक स्पष्ट संदर्भ में, आयोग ने कहा, “विश्वविद्यालय के मंच से इस व्यापक रूप से रिपोर्ट/प्रचारित घटना ने चिंता पैदा की है और देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है।”
आयोग ने छात्रों को इस तरह के आयोजनों से खुद को दूर रखने की सलाह देते हुए कहा, ‘कॉलेज के कैंपस में इस्लामिक मूल्यों के खत्म होने से जुड़ी कई तरह की गतिविधियां आयोजित हो रही हैं। यह काफी दुख की बात है। इस तरह का एक उदाहरण हिंदू त्यौहार होली है। पाकिस्तान की यूनिवर्सिटीज में होली को बड़े स्तर पर मनाया जाता है। इस त्यौहार की वजह से देश की इमेज पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।’
इस आदेश को लेकर कुछ छात्रों ने जमकर विरोध दर्ज कराया और कहा कि देश की सरकार को यह समझना होगा कि होली दिवाली सिंधी संस्कृति का हिस्सा है। पाकिस्तान की सरकार न तो सिंधी भाषा को स्वीकार करती है और न ही हिंदू त्यौहारों को कोई सम्मान देती है। छात्रों का कहना है कि खुद को मानवाधिकार का चैंपियन करार देने वाले पाकिस्तानी राजनेता अब क्या करेंगे?
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद में कायदे-ए-आजम विश्वविद्यालय में होली समारोह के वीडियो वायरल हुए थे। वीडियो में छात्र कॉलेज कैंपस में रंगों से होली खेलते और जश्न का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं।
Holi celebrations Quaid-i-Azam University Islamabad 🖤 🥀#QAU_ISLAMABAD #holi #holi2023 pic.twitter.com/CHVkY5NL1m
— QAU News (@NewsQau) June 19, 2023
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के एक गैर-राजनीतिक सांस्कृतिक संगठन मेहरान स्टूडेंट्स काउंसिल द्वारा आयोजित किया गया था।
Holi celebrations in Quaid-I-Azam University Islamabad Pakistan 🍁
Biggest holi celebration in Pakistan 💓 pic.twitter.com/xdBXwYEglt— QAU News (@NewsQau) June 13, 2023
मार्च महीने में एक कट्टरपंथी इस्लामी छात्र संगठन के सदस्यों ने पंजाब विश्वविद्यालय परिसर में होली मनाने से रोकने के बाद कम से कम 15 हिंदू छात्रों को घायल कर दिया था।