नौसेना के वरिष्ठ कमांडरों का सम्मेलन इस बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में गोवा के अरब सागर में नए स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर शुरू होगा।
मेक इन इंडिया रक्षा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना गोवा के तट पर अरब सागर में विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर अपने वरिष्ठ कमांडरों का सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। नौसेना के शीर्ष अधिकारी विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में देश की समुद्री सुरक्षा और परिचालन तैयारियों की समीक्षा करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 6 मार्च को भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर इस बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे।
शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने कहा कि ये निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली के बाहर प्रमुख कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देशों के अनुरूप है, जिसके बाद नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और नौसेना मुख्यालय ने 6 मार्च को नए विमानवाहक पोत पर इसे आयोजित करने का फैसला किया।
इस सम्मेलन में भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, पश्चिमी नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और अन्य शीर्ष अधिकारी नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए गोवा में विमान वाहक पोत में सवार होंगे। पांच दिवसीय सम्मेलन का सिर्फ पहला दिन समुद्र में होगा। सम्मेलन में होने वाली चर्चाओं में संचालन, युद्ध की तैयारी, रसद, प्रशिक्षण, मानव संसाधन विकास, संयुक्तता और स्वदेशीकरण से संबंधित मुद्दों को शामिल किया जाएगा। हिंद महासागर क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाने में जुटे चीन के लिए यह बैठक चिंता का सबब बन सकती है।
INS विक्रांत भारतीय नौसेना का नवीनतम विमानवाहक पोत है और इंडियन नेवी निकट भविष्य में इस पर मिग-29के लड़ाकू विमानों का उड़ान परीक्षण करने जा रही है।
भारतीय नौसेना ने अरब सागर में INS विक्रांत पर एक हल्के लड़ाकू विमान (नौसेना) और मिग-29K की सफलतापूर्वक लैंडिंग करके स्वदेशी विमान वाहक पोत के संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इंडियन नेवी ने कहा कि नौसेना के पायलटों ने ये लैंडिंग की।
इंडियन नेवी के अनुसार, यह कदम नौसेना की लड़ाकू तत्परता को बढ़ाते हुए विमान वाहक डिजाइन, निर्माण और संचालन में भारत की ताकत का प्रदर्शन करेगा।
बता दें कि इंडियन नेवी के संयुक्त कमांडरों का यह सम्मेलन डिफेन्स के शीर्ष अधिकारियों के सम्मलेन से पहले हो रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 1 अप्रैल को रक्षा शीर्ष अधिकारियों को संबोधित करने वाले हैं। भारतीय नौसेना तीनों सेनाओं के आयोजन के लिए जिम्मेदार है और आईएनएस विक्रांत पर बैठक में इस पर भी चर्चा होगी। इस सम्मलेन में नौसेना चीन और पाकिस्तान से समुद्री सीमाओं में मिलने वाली चुनौतियों की भी समीक्षा की जाएगी।