उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि 16 फरवरी से शुरू हो रही बोर्ड परीक्षाओं में नकल करते पकड़े जाने वाले छात्रों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निष्पक्ष और नकल मुक्त बोर्ड परीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश पर बोर्ड ने दिशा-निर्देशों की सूची जारी की है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नकल मुक्त बोर्ड परीक्षा सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं और नकल करने वाले छात्रों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया जाएगा।” बयान में कहा गया है कि परीक्षा में बाधा डालने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। साथ ही ये भी कहा गया है कि, ‘धोखाधड़ी की गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले कक्ष निरीक्षकों और केंद्र प्रशासकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी’।
उत्तर प्रदेश बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होंगी। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, ये परीक्षाएं दो पालियों में – सुबह 8 बजे से 11:15 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 5:30 बजे तक आयोजित की जाएंगी। 10वीं की परीक्षाएं 3 मार्च को समाप्त होंगी जबकि 12वीं की परीक्षाएं 4 मार्च को समाप्त होंगी।
बयान में आगे कहा गया है कि, “पहली बार जिलाधिकारियों द्वारा प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए जाएंगे। परीक्षा समाप्त होने के बाद उन्हें जिला मजिस्ट्रेट के साथ स्कूल के जिला निरीक्षक को रिपोर्ट करना होगा ताकि दैनिक गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। वहीं दूसरी तरफ ऐसा पहली बार होगा जब परीक्षा पत्रों की कड़ी निगरानी के लिए प्राचार्य कक्ष के अलावा एक अलग कक्ष बनाया जाएगा”।
अधिसूचना के मुताबिक़, ‘कॉपियों को एक डबल लॉक अलमारी में रखा जाएगा और इसकी निगरानी के लिए 24 घंटे एक सीसीटीवी लगाया जाएगा। सभी जिलों में कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति के बाद उन्हें परीक्षा से पहले कड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी। जिले में सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टेटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और बाहरी केंद्र व्यवस्थापकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा’।
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए हैं कि प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए अलग से स्ट्रांग रूम बनाया जाए, जिसमें दो सशस्त्र पुलिसकर्मियों की सीसीटीवी निगरानी के साथ 24 घंटे तैनाती हो। बयान में कहा गया है कि, “मुख्यमंत्री ने परीक्षा केंद्रों पर आवाज से लैस सीसीटीवी, डीवीआर, राउटर डिवाइस और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगाने का भी आह्वान किया है।”
इसके अलावा बयान में कहा गया है कि, प्रत्येक केंद्र पर केंद्र व्यवस्थापक, बाहरी केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट तीनों की उपस्थिति सुनिश्चित की जानी चाहिए।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लगभग 58,85,745 उम्मीदवारों ने यूपी बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के लिए पंजीकरण कराया है, जिसमें 31,16, 487 हाई स्कूल के उम्मीदवार और 27,69,258 इंटरमीडिएट के उम्मीदवार शामिल हैं। वहीं, परीक्षा के लिए राज्य में 8,753 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 540 सरकारी, 3,523 निजी और 4,690 गैर सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज शामिल हैं।
I think this is an excellent move by the Uttar Pradesh government. It is important to have measures in place to ensure that no cheating takes place during board exams. Does the government plan on introducing any other measures for ensuring fairness in board exams?