लखनऊ: भाजपा के लिए वोट जिताऊ और चुनावी मैच में सबसे सफल खिलाड़ी रहे संगठन मंत्री सुनील बंसल को उत्तर प्रदेश से हटा कर तेलंगाना भेजा गया। तेलंगाना जीतने के लिए काम करेंगे। तेलंगाना में अगले साल आम चुनाव होने है। चित्रकूट में चल रही बैठक में लिया गया फैसला। सुनील बंसल को साल 2014 में लोकसभा चुनाव में यूपी का को-इंचार्ज बनाया गया था। इस चुनाव में भाजपा ने प्रदेश में 80 में से 73 लोकसभा सीट जीती थीं। पार्टी ने इस उपलब्धि के बाद उन्हें प्रदेश का संगठन मंत्री बनाया था।
2014 में बने थे यूपी के को-इंचार्ज
जानकारी के मुताबिक, सुनील बंसल को साल 2014 में लोकसभा चुनाव में यूपी का को-इंचार्ज बनाया गया था। इस चुनाव में भाजपा ने प्रदेश में 80 में से 73 लोकसभा सीट जीती थीं। पार्टी ने इस उपलब्धि के बाद उन्हें प्रदेश का संगठन मंत्री बना दिया था। इसके बाद उन्होंने साल 2017 और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस बीच साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने उत्तर प्रदेश में प्रचंड जीत हासिल की। इसका श्रेय भी सुनील बंसल के खाते में ही बताया जाता है। हालांकि, साल 2022 में हुये विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें केंद्र की राजनीति में शामिल करने की चर्चा चल रही थी। अब पार्टी ने उन्हें तेलंगाना में होने वाले अगले साल के चुनाव में भाजपा को मजबूत करने का जिम्मा सौंप दिया है।
कौन संभालेगा अब यह जिम्मा
यूपी बीजेपी में संगठन में अभी किसको संगठन मंत्री का जिम्मा सौंपा गया है, इसका अभी ऐलान नहीं किया गया है। वहीं, प्रदेश संगठन को अपने नए प्रदेश अध्यक्ष का भी इंतजार है। यूपी बीजेपी में संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के नामों को लेकर यूं तो कयासबाजी का दौर काफी दिनों से चल रहा है। मगर भाजपा की ओर से अभी किसी भी नाम पर मुहर नहीं लगाई गई है। चित्रकूट में भाजपा की तीन दिवसीय कार्यशाला चल रही है। उम्मीद है कि आज शाम तक भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी मुहर लगा दी जाएगी। उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा के बाद यूपी में नये नाम के ऐलान को लेकर कयास ही लग रहे हैं।
भाजपा को कई चुनाव जिता चुके हैं सुनील बंसल
यूपी के महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने यूपी में 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान अमित शाह के साथ यूपी संगठन को दुरूस्त करते हुए चुनावी रणनीति सेट की थी। यही नहीं, उन्होंने यूपी महामंत्री संगठन पद पर तैनाती से पहले एबीवीपी और आरएसएस में लंबे समय तक काम किया। सुनील बंसल ने 2014 लोकसभा चुनाव के बाद 2017 यूपी विधानसभा, 2019 लोकसभाचुनाव और फिर 2022 के विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत दिलाने का काम किया है। बता दें कि यूपी में 2014 से पहले पार्टी संगठन की स्थिति बहुत दयनीय थी, लेकिन सुनील बंसल ने बूथ स्तर पर संगठन के ढांचे को मजबूत किया. यही वजह है कि उनकी बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन पर मजबूत पकड़ मानी जाती हैं। दूसरा पक्ष ये भी सामने आ रहा है की योगी आदित्यनाथ और सुनील बंसल के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा था जिसके कारण कुछ समय पहले खुद सुनील बंसल ने यूपी से जानेकी इच्छा जताई थी।