उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी एवं ललित कला विभाग के तत्वाधान में आयोजित 20 दिवसीय कार्यशाला के समापन में चल रही चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने दीप प्रज्वलित कर के किया।
प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि विश्वविद्यालय में इक्यूवेशन सेंटर बनाया जा रहा है, जिसे 15 जुलाई से वेबसाइट के माध्यम से इंटरनेशनल मार्केट से जोड़ने की योजना है। उन्होंने कहा कि इस योजना में ललित कला विभाग का अहम रोल होगा। यहां के छात्रों द्वारा बनाए गए कलाकृतियों को देश-विदेश तक पहुंचाने का प्रयास होगा। उन्होंने इसके साथ ही क्राफ्ट सेंटर भी बनाने की योजना पर भी बात की, और कहा बनारस की लोक कला जो विलुप्त हो चुकी है। उसे भी जीवित करने की आवश्यकता है।
बनारस की गुलाबी मीनाकारी, बनारस की लकड़ी के खिलौना, बनारसी साड़ी, तीज त्यौहार पर बिकने वाले खिलौने, मुखोटे इत्यादि इसे भी इस सेंटर के माध्यम से विश्व पटल पर ले जाने की जरूरत है। इस अवसर पर प्रोफेसर त्यागी ने कहा कि राज्य ललित कला अकादमी एवं ललित कला विभाग के तत्वाधान में 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कला शिविर का प्रयोजन हुआ इस गर्मी की छुट्टी में बच्चे मोबाइल की जिंदगी से दूर रहकर कला के गुर सिख रहे थें।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी एवं ललित कला विभाग के तत्वाधान में 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन चित्रकला कार्यशाला के समापन अवसर पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में लगभग 80 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं ने मूर्तिकला,चित्रकला,पेपर मेशी टेराकोटा, कोलाज, प्रींटमेकिंग, टेक्सटाइल डिजाईन, लेटर राइटिंग, लैंडस्केप, रंगोली फैशन डिजाइनिंग,संयोजन आदि विषयों से संबंधित चित्र प्रस्तुत की गई है। प्रदर्शनी में मूर्तिकला के माध्यम से मिट्टी द्वारा भगवान गणेश के विभिन्न आकृतियों को प्रदर्शित किया गया हैं। विभिन्न रंगों के माध्यम से भिन्न-भिन्न अवसरों पर रंगोली बनाने की कला भी प्रस्तुत की गई है। प्रदर्शनी में प्रिंट में कोलोग्राफ़ लीनो प्रिंट, उडकट प्रिंट, चित्र प्रदर्शित की गई है।
फैशन डिजाइन के अंतर्गत कटाई, बुनाई, स्टिचिंग, डिजाइन द्वारा कपड़ों का प्रदर्शन किया गया है। पत्रिकाओं के रंग-बिरंगे कतरनों के माध्यम से कोलाज चित्र का प्रदर्शन किया गया है जो सराहनीय है। प्रदर्शनी में ड्राई पेस्टल ऑयल रंगों के माध्यम से मॉडल बैठाकर पोट्रेट आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
प्रदर्शनी के अवसर पर ललित कला विभाग के चतुर्थ वर्ष की छात्रा मूल रूप से खगरिया बिहार निवासी कुमारी राखी को कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड के अंतर्गत मेडल फॉर इवरी वन निर्माण के लिए प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। प्रदर्शनी में कुमारी राखी द्वारा बनाए गए करीबन 50 तरह के विभिन्न मेडल प्रदर्शित किये गये है। राखी को यह मेडल तैयार करने में लगभग डेढ़ साल लगे।
कोरोना काल में जहां पूरे शहर में लॉकडाउन था, वही राखी अपने घर में बैठ कर मेडल तैयार कर रही थी। उन्होंने इस दौरान 501 मेडल बनाने का कार्य सफलतापूर्वक किया। राखी का मानना है कि पावरफुल या बड़े व्यक्तियों को हर कोई मेडल पदक देता है लेकिन सामान्य जीवन में भी रोजाना ऐसे हीरो दिखते हैं जो अपनी जिम्मेदारी को बेहतर निर्वाहन करते हैं ऐसे में जरूरी है कि उनको भी इस समाज में सम्मान मिले। इसके लिए कुमारी राखी द्वारा अपनी कलाकारी के माध्यम से लकड़ी के मेडल तैयार करके उस पर स्वनिर्मित लोगों बनाये और शहर के कई लोगों को सम्मान स्वरूप सम्मान देकर उनके साथ फोटो भी बनाये। जिसमें सब्जी वाला ,फल विक्रेता, दूधवाला,चाय वाला,पान वाला,डॉक्टर, इंजीनियर आदि लोगों को पहना कर सम्मान किया मेडल से सम्मानित व्यक्तियों का फोटो भी प्रदर्शित की गई है। कुमारी राखी ने बताया कि इस कार्य के लिए प्रेरणा डेनमार्क निवासी मैडम ईंगर माग्रेट लार्सन से सन 19 जनवरी 2018 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में चल रहे इन्हीं की प्रदर्शनी में मुलाकात हुई थी।
उसी समय राखी ने मन में ठान लिया था कि इसे विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए मन में चलता रहा। इस कार्य में अपने पूर्व छात्रा नेहा सिंह का सहयोग मिला और आज विश्व रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हुई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सुनीता पांडे, वित्त अधिकारी संतोष कुमार शर्मा, विकास कुशवाहा,डॉक्टर रामराज,डॉक्टर पंकज कुमार गौतम, आजाद कपूर,प्रवीण कुमार हिमांशु,किशन गुप्ता, रोशनी यादव,कृष्णचन्द्र गुप्ता,अर्जुन यादव, ओमप्रकाश आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विभाग के प्रभारी डॉक्टर सुनील कुमार विश्वकर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ शत्रुघ्न प्रसाद ने किया।