भारत के सांविधिक निर्वाचन आयोग के बतौर 25 वें मुख्य चुनाव आयुक्त यानि सीईसी राजीव कुमार ने 15 मई 2020 को अपना पदभार संभाल लिया। उन्होंने सुशील चंद्रा की जगह यह पद संभाला है जिनका सीईसी पद पर कार्यकाल 14 मई को खतम हो गया।
मोदी सरकार ने 19 फरवरी 1960 को पैदा हुए 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी राजीव कुमार को 2020 में तीन-सदस्यीय निर्वाचन आयोग में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था। वह केंद्र सरकार की प्रशासनिक सेवाओं में 36 बरस के सेवाकाल में कई केन्द्रीय मंत्रालयों में विभिन्न पदों पर काम करने के अलावा बिहार और उसके पहले झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी के रूप में कई सालों तक तैनात रहे। वह 2020 में केंद्रीय वित्त सचिव पद से रिटायर हुए थे। सीईसी का कार्यकाल छह बरस या 65 साल की आयु तक होता है. इस पद पर उनका कार्यकाल 2025 तक रहेगा. उन्हें ही 2024 में निर्धारित लोकसभा चुनाव कराना है। उसके पहले उनको इसी बरस राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा की दर्जनों सीटों पर पहले से जारी चुनाव पूरे करने है। इनके अलावा उन्हें इस बरस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फिलहाल सर्वोच नेता एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव कराने के बाद अगला लोकसभा चुनाव तक होने तक 18 राज्यों के भी चुनाव कराने हैं. इनमें केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी गृह राज्य गुजरात और हिमाचल प्रदेश के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ , कर्नाटक , तेलंगाना , आंध्र प्रदेश , मेघालय , नागालैंड , त्रिपुरा , मिजोरम , सिक्किम , अरुणाचल प्रदेश , महाराष्ट्र , ओडिसा , हरियाणा , झारखंड और दिल्ली समेत कुल मिला कर 18 राज्य है।
1984 बैच के ही आईएएस अफसर और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय दूसरे चुनाव आयुक्त की नियुक्ति मोदी सरकार ने अभी नहीं की है।
गुजरात की कुल 182 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव दिसंबर 2017 में हुआ था। गुजरात में कुल 26 लोकसभा और 11 राज्यसभा सीटें है। हिमाचल प्रदेश कुल 68 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव दिसंबर 2017 में हुआ था। राज्य से 4 लोकसभा और 3 राज्यसभा सीटें है। मेघालय की कुल 60 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 6 मार्च 2018 को हुआ था। राज्य से 2 लोक सभा और एक राज्यसभा सीट है। नगालैंड कुल 60 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 6 मार्च 2018 को हुआ था। राज्य से एक लोकसभा और एक राज्यसभा सीट है। त्रिपुरा की 60 सदस्यों की विधानसभा का पिछला चुनाव 14 मार्च 2018 को हुआ था। राज्य से लोकसभा की दो और एक राज्यसभा सीट है।
कर्नाटक की कुल 224 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 29 मई 2018 को हुआ था। राज्य से 28 लोकसभा और 12 राज्यसभा सीटें है। छतीसगढ़ की 90 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 11 दिसंबर को हुआ था। राज्य से 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा सीटें है। मध्य प्रदेश की कुल 230 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 10 दिसंबर 2018 को हुआ था। राज्य से 29 लोकसभा और 11 राज्यसभा सीटें है। मिजोरम की कुल 40 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 16 दिसंबर 2018 को हुआ था। राज्य से एक लोकसभा और एक राज्यसभा सीट है। राजस्थान की 200 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 10 दिसंबर 2018 को हुआ था जिसका कार्यकाल 20 जनवरी 2023 तक है। राज्य से 25 लोकसभा और 10 राज्यसभा सीटें है। पर्वतीय राज्य सिक्किम की 32 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 28 मई 2019 को हुआ था। राज्य से एक लोकसभा और एक राज्यसभा सीट है।आंध्र प्रदेश की कुल 175 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 15 जून 2019 को हुआ था जिसका कार्यकाल 18 जून 2024 तक है। राज्य से 25 लोक सभा और 11 राज्यसभा सीटें है। तेलंगाना की कुल 119 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 10 दिसंबर 2018 को हुआ था। राज्य से 17 लोकसभा और सात राज्यसभा सीटें है। अरुणाचल प्रदेश की कुल 60 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव दो जून 2019 को हुआ था। राज्य से दो लोकसभा और एक राज्यसभा सीट है। ओडिसा की कुल 147 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 12 जून 2019 को हुआ था। राज्य से 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा सीटें है। हरियाणा की 90 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 27 अक्टूबर 2019 को हुआ था। राज्य से 10 लोकसभा और पाँच राज्यसभा सीटें है। महाराष्ट्र की 288 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 28 नवंबर 2019 को हुआ था। राज्य से 26 लोकसभा की 48 और राज्यसभा की 19 सीटें है। झारखंड की 81 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 29 दिसंबर 2019 को हुआ था। राज्य से 14 लोकसभा और छह राज्यसभा सीटें है। दिल्ली की कुल 70 सीटों की विधानसभा का पिछला चुनाव 16 फरवरी 2020 को हुआ था। दिल्ली से सात लोकसभा की और तीन राज्यसभा सीटें है।
बहरहाल , देखना यह है कि नए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भारत की चुनावी बागडोर संभाल चुकने के बाद अब नया क्या क्या करते हैं।