प्रयागराज: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी लगातार सरकार को घेर रहें हैं। हाल में ही राजधानी लखनऊ में संयुक्त कर्मचारी संघों और दूसरे कर्मचारी संघों ने जोरदार प्रदर्शन कर के सरकार को अपने इरादे जता दिये थे। वहीं अब एक फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अप्रैल 2005 के पहले चयनित लेखपालों को पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है। उल्लेखनीय है कि सन 2004 में चयनित बेसिक शिक्षकों का भी यही मामला है।प्रदेश के 40 हजार से अधिक बेसिक शिक्षकों के पक्ष में भी एक बार फैसला आया था।लेकिन फिर अपील में मामला अटक गया है।फैसले के बाद एक -दो जनपदों में पुरानी पेंशन कटने भी लगी थी।अब हाईकोर्ट के इस नये फैसले से ये बहस फिर शुरू हो सकती है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे बेसिक शिक्षकों में भी शायद एक आस जगे। इन शिक्षकों का मामला भी लगभग लेखपालों जैसा ही है। शिक्षकों का चयन 2004 में हुआ था, लेकिन प्रशिक्षण के उपरांत काफी दिनों तक नियुक्ति नहीं मिली। शिक्षकों को 30-31 दिसंबर सन् 2005 में नियुक्त पत्र दिया गया।
लेखपालों के हक में फैसला देते हुए कोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब तलब भी किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी लेखपाल संघ के कोषाध्यक्ष विनोद कुमार कश्यप की याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए अप्रैल 2005 से पहले चयनित लेखपालों की पेंशन पुरानी पेंशन योजना (जीपीएफ) के तहत वेतन से कटौती करने को कहा है।याचिका पर न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की एकल खंडपीठ सुनवाई कर रही है।याची लेखपाल संघ की ओर से तर्क दिया गया कि उनका चयन एवं प्रशिक्षण सत्र 2003-04 में अगस्त 2004 में प्रशिक्षण पूरा हो गया था। इस आधार पर याचिकाकर्ताओं ने अपने वेतन से हो रही कटौती को पुरानी पेंशन योजना (जीपीएप) के अंतर्गत करने कती मांग की थी। याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट के समक्ष इसी तरह का मामला (प्रमोद कुमार श्रीवास्तव व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य) 2015 में आया था।