प्रयागराज: कोविड संंक्रमण के चलते दो वर्ष के अंतराल पर इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। ऐतिहासिक सीनेट हाल में आयोजित हुए दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल और उपाधियां प्रदान की।
इस मौके पर उन्होंने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी को उत्तर भारत का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय बताया और इसकी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा पर भी चर्चा की। उन्होंने इस मौके पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए दो बड़ी घोषणाएं की हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से यूजीसी ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेयर की स्थापना की है, जो कि पांच वर्षों के लिए की गई है। इसमें विभिन्न विषयों के शोध और इकोनामिक डेवलपमेंट और इकोनामिक प्रोग्राम्स के शोध किए जायेंगे। जिससे एक ओर जहां इस शोध से देश और प्रदेश के विकास को मदद मिलेगी। वहीं छात्र-छात्राओं में भी उत्साह आएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट और प्रोफेसर के पदों पर भर्ती किए जाने पर भी अपनी सहमति प्रदान की। उन्होंने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी की अनिवार्यता भारत सरकार ने खत्म कर दी है। सरकार का मकसद है कि जो मेधावी छात्र हैं वह विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में आकर शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करें।हालांकि नेट की अनिवार्यता बनी रहेगी। दीक्षांत समारोह में 2018-19 और 2019-20 के छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। इसके साथ ही यूजी, पीजी और पीएचडी के मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल भी प्रदान किए गए। इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की पी आर ओ डॉक्टर जया कपूर के मुताबिक दीक्षांत समारोह में 550 पीएचडी छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई हैं। इसके साथ ही साथ 263 छात्र छात्राओं को अलग_अलग कैटेगरी में मेडल भी प्रदान किये गए | दीक्षांत समारोह में कुल 10 छात्र छात्राओं को चांसलर मेडल दिए गए। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वविद्यालय में 3 नव निर्मित इमारतों का उदघाटन भी किया। जिनमें 124 सीटों वाला गार्गी महिला छात्रावास, 34 सीटों वाला चंद्रशेखर आज़ाद इंटरनेशनल हॉस्टल व मेजर ध्यानचंद्र स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर शामिल है।
दीक्षांत समारोह में चार छात्रों को चांसलर गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया। बीएएलएलबी के हिमांशु दुबे, एमएससी कॉग्निटिव साइंस के शिवनेकर रेवती विजय, बीसीए की अंशिका मित्तल व एमएससी बॉटनी की माधवी सिंह को चांसलर मेडल से नवाजा गया है। इसके साथ ही बीएससी बायो ग्रुप की नेहा मिश्रा, एमएससी कंप्यूटर साइंस की श्रेया अग्रवाल, बीए की साल्विका उपाध्याय व एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के शशांक मणि त्रिपाठी को चांसलर सिल्वर मेडल दिया गया है। जबकि बीए के कुलभूषण तिवारी, बीटेक के उर्जा श्रीवास्तव को ब्रांज मेडल से नवाजा गया है।
दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्मारिका और न्यूज लेटर का भी विमोचन किया। इस मौके पर यूनिवर्सिटी की ओर से पीआरओ डॉ जया कपूर ने अभिनंदन पत्र पढ़ा और कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने केंद्रीय मंत्री को अभिनंदन पत्र देकर व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पुरा छात्र और महिला हॉकी टीम के कोच पीयूष दुबे को भी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंच पर सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चांसलर आशीष चौहान और उनकी पत्नी सोनल चौहान भी मौजूद रहीं। चांसलर आशीष चौहान की पत्नी टाटा मेमोरियल में रेडियोलॉजिस्ट हैं। इस मौके पर कुलाधिपति ने उपाधियां प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को दीक्षा प्रदान की। मंच पर चांसलर वाइस चांसलर और केंद्रीय मंत्री के साथ ही साइंस डीन प्रो शेखर श्रीवास्तव और रजिस्ट्रार प्रो एन के शुक्ला भी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री से मिलने से रोकने पर छात्रों और पुलिस की झड़प
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान बड़ी संख्या में छात्रनेता और पुलिस कर्मी आपस में भिड़ गए । ये छात्रनेता छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर गुलाब का फूल लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलने जा रहे थे। पुलिस ने छात्रों को आगे जाने से रोक दिया। इस पर छात्रों और पुलिस से तीखी नोकझोंक हो गई। पुलिस ने छात्रों को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई। पुलिस ने कई छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया।
समाजवादी पार्टी छात्र सभा से जुड़े छात्र 400 से अधिक दिनों से इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर अनवरत अनशन कर रहे हैं। दीक्षांत समारोह में छात्रनेता गुलाब का फूल लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मिलने जा रहे थे। वह छात्रसंघ भवन से निकलकर कार्यक्रम स्थल सीनेट हाल की तरफ बढ़ रहे थे कि रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया।