गोरखपुर में पुलिस की बर्बरता और पिटाई से कानपुर के व्यासायी की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया है और योगी सरकार में निरंकुश होती पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मृतक मनीष गुप्ता के घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी और परिवार के साथ खड़े रहने का भरोसा भी दिलाया। सपा ने मृतक के परिजनों को 20 लाख की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है। सपा ने कई जिलों में पुलिस की बर्बरता और पिटाई के विरोध में मार्च निकाल कर सरकार को घेरने की कोशिश की है।
उल्लेखनीय है कि वैश्य समाज परम्परागत रूप से भाजपा का वोट बैंक भी है। मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद के होने के कारण और ज्यादा संवेदनशील हो गया है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक विडियो ने सरकार के लिए और मुसीबत खड़ी कर दी है। जिसमें गोरखपुर जनपद के बड़े अधिकारी मृतकों के परिजनों को मुकदमा न दर्ज करने की समझाइश दे रहे हैं।
विपक्ष के हो हल्ले और सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद सरकार भी एक्शन में आयी है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की पुलिस कार्रवाई में बर्बरता से हुई हत्या पर निर्देश दिया कि दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाए और ऐसे सभी अफसर व कार्मिक जो अति गंभीर अपराधों में लिप्त हैं उनकी बर्खास्तगी की जाए। उन्होंने कहा कि अवैध गतिविधियों में लिप्त पुलिस अफसरों व कार्मिकों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है जिससे साफ हो गया है कि उनकी मौत पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई है। उधर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी कहा है कि मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।शुरू में गोरखपुर पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की। लेकिन मामला सुर्खियों में आने के बाद एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा और 4 सिपाहियों समेत कुल 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
पुलिस ने मनीष को पीट-पीटकर मार डाला
कानपुर से गोरखपुर काम से आते मनीष गुप्ता का सिर्फ कसूर इतना था कि आधी रात को होटल में चेकिंग करने पहुंची पुलिस से उसने पूछा कि यह चेकिंग का क्या तरीका है ? क्या हम लोग आतंकवादी हैं? आरोप है इसके बाद इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह और फल मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा भड़क गए। दोनों ने होटल में रूम बंद करके मनीष को जमकर पीटा। मौके पर ही मनीष की दर्दनाक मौत हो गई।गोरखपुर के रहने वाले चंदन सैनी के अनुसार कि वह बिजनेस करते हैं। उनके तीन दोस्त गुरुग्राम से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान (35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर घूमने और काम से आए थे। चंदन के मुताबिक, सभी दोस्त रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस करते हैं।
चंदन हमेशा अपने दोस्तों को गोरखपुर में हो रहे विकास के बारे में बताता रहता था। दोस्तों की काफी दिनों से प्लानिंग थी कि एक बार गोरखपुर घूमने जरूर आएंगे। लॉकडाउन की वजह से पहले आ नहीं सके। इस बीच तीनों की गोरखपुर घूमने की प्लानिंग बन गई। सोमवार को तीनों अपने दोस्त चंदन सैनी से मिलने और घूमने गोरखपुर पहुंचे।
चंदन ने दोस्तों को रामगढ़ ताल इलाके के एलआईसी बिल्डिंग के पास स्थित होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहराया था। आरोप है कि रात करीब 12 बजकर 30 मिनट पर रामगढ़ ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दरोगा अक्षय मिश्रा के अलावा थाने की अन्य फोर्स साथ में थी। होटल के कमरे का दरवाजा नॉक कर खुलवाया। पुलिस के साथ होटल का रिसेप्शनिस्ट भी था। पुलिस वालों ने बोला कि चेकिंग हो रही है। सभी अपनी आईडी प्रूफ दिखाओ। सब ने आईडी दिखाती।मनीष ने पुलिस ने सवाल कर लिया कि इतनी रात को शरीफ लोगों की इस तरह चेकिंग का क्या तरीका है।सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं। आरोप है कि इतने पर ही पुलिस वाले बौखला गए।
इंस्पेक्टर और हमराही ने इतनी सी बात पर उसे पीटना शुरू कर दिया।उसे इतना पीटा की बाद में उसकी मौत हो गई। बताया जाता है कि मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था।पांच साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। परिवार में उसके बीमार पिता और पत्नी के अलावा उसका एक 4 साल का मासूम बेटा है। मां की कुछ दिनों पहले मृत्यु हो चुकी है।