पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम महिला वर्ग में स्वर्ण पदक मुकाबले से अयोग्य घोषित होने के एक दिन बाद पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी। उन्होंने यह जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए दी। फोगाट ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024।”
विनेश फोगाट का अयोग्य घोषित होना करोड़ों भारतीयों के लिए एक बड़ा झटका था। फोगाट के साथ-साथ उनके फैन इस उम्मीद में थे कि वो फाइनल में पहुंचकर एक मेडल देश के लिए पक्का कर लेंगी, लेकिन नियमों के मुताबिक वह अयोग्य हो गईं। मंगलवार को अनिवार्य सुबह के वजन के बाद उसका वजन 100 ग्राम अधिक होने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
इसके बाद हरियाणा CM नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा: “हरियाणा की हमारी बहादुर बेटी विनेश फौगाट ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करके ओलंपिक में फाइनल में प्रवेश किया था। किन्हीं भी कारणों से वो भले ही ओलंपिक का फाइनल नहीं खेल पाई हो लेकिन हम सबके लिए वो एक चैंपियन है। हमारी सरकार ने ये फैसला किया है कि विनेश फौगाट का स्वागत और अभिनंदन एक मेडलिस्ट की तरह ही किया जाएगा। हरियाणा सरकार ओलंपिक रजत पदक विजेता को जो सम्मान, ईनाम और सुविधाएँ देती है वे सभी विनेश फौगाट को भी कृतज्ञता पूर्वक दी जायेंगी। हमें आप पर गर्व है विनेश! ”
वहीं मुख्यमंत्री द्वारा विनेश को रजत पदक विजेता को मिलने वाले सभी लाभ देने की घोषणा पर उनके ताऊ महावीर फोगट ने कहा, “यह मुख्यमंत्री की अच्छी पहल है। उन्होंने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि विनेश को रजत पदक मिला है। यह एक अच्छा कदम है और मैं इसका समर्थन करता हूं। मैं हरियाणा सरकार को धन्यवाद देता हूं, अगर कभी अन्य एथलीटों के साथ ऐसा होता है तो इससे उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा।”
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “हमारे पास नंबर नहीं है, 28 विधायकों ने हमारा उम्मीदवार राज्यसभा सांसद नहीं बन सकता। अगर हमारे पास नंबर होता तो हम विनेश फोगाट को राज्यसभा भेजते।”
हुड्डा ने कहा, “राज्यसभा की सीट खाली हो रही है। अगर मेरा बहुमत होता तो मैं उसे(विनेश फोगाट) राज्यसभा में भेजता जिससे पूरे देश के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता।”
वहीं विनेश फोगाट के ताऊ महावीर फोगाट ने इसे राजनीतिक स्टंट बताते हुए कहा, “2012 में गीता ने बतौर पहली महिला ओलंपिक क्वालीफाई किया था। जब भूपेंद्र हुड्डा की सरकार और गीता और बबीता को DSP का पद मिलना था लेकिन हुड्डा साहब ने भेदभाव करके गीता को इंस्पेक्टर और बबीता को सब इंस्पेक्टर लगाया। कोर्ट में केस डालने के बाद कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया। जब भूपेंद्र हुड्डा की सरकार थी तब गीता ने कई रिकॉर्ड बनाए तब उन्हें राज्यसभा क्यों नहीं भेजा? ये बस एक राजनीतिक स्टंट है।”
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “पूरे देश को उम्मीद है कि वह फिर से उठेगी और लड़ेगी। लेकिन भारत सरकार चुप क्यों है?…भारतीय ओलंपिक संघ को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ से बात करनी चाहिए। यह पदक सिर्फ विनेश का नहीं बल्कि देश का है…दुर्भाग्य से खेल मंत्री ने उल्लेख किया कि उन पर 17 लाख रुपये खर्च किए गए।”
हरियाणा काकी 29 वर्षीय पहलवान विनेश फोगाट तीन बार की ओलंपियन है, जिसने तीनों खेलों में तीन अलग-अलग वजन श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा की है। 2016 में रियो ओलंपिक में जहां उन्होंने 48 किग्रा वर्ग में चुनाव लड़ा था, वहीं टोक्यो खेलों में विनेश ने 53 किग्रा में चुनाव लड़ा था।
उन्होंने 2014, 2018 और 2022 में तीन राष्ट्रमंडल खेलों में तीन अलग-अलग वजन श्रेणियों में तीन स्वर्ण पदक जीते हैं।
विनेश 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान भी बनीं। उन्होंने क्रमशः 2019 और 2022 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक भी जीते हैं।
विनेश फोगाट को बुधवार को ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल से अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्होंने कोर्ट ऑफ एब्रिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में सिल्वर मेडल के लिए अपील की है। विनेश ओलिंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान थीं।