शिवसेना सांसद संजय राउत को पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में बुधवार को जमानत मिली और फिर बुधवार की रात उन्हें मुंबई के आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया। संजय राउत तीन महीनों से ज्यादा समय से सलाखों के पीछे थे। राउत को ईडी ने 1 अगस्त को पात्रा ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
जेल से संजय राउत की रिहाई के लिए शक्ति प्रदर्शन के लिए शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के सैंकड़ों कार्यकर्ता मध्य में आर्थर रोड जेल के बाहर जुटे थे और उनके हाथों में भगवा झंडे थे। जब वह जेल से निकले तब शिवसेना ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। गले में भगवा पटका डाले संजय राउत राउत ने हाथ हिलाकर जेल के बाहर खड़े लोगों का अभिवादन किया। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ही ‘असली’ पार्टी है जिसकी स्थापना दिवंगत बाल ठाकरे ने की थी। राज्य का वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य अस्थायी है’।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत को मुंबई की PMLA अदालत द्वारा पात्रा चौल भूमि घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया। pic.twitter.com/LxE6l8Mgaj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 9, 2022
जेल से रिहा होने के बाद संजय राउत सबसे पहले सिद्धि विनायक मंदिर गए। संजय राउत के साथ उनके भाई सुनील राउत और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे। राउत उसके बाद हनुमान मंदिर और शिवाजी पार्क में बाल ठाकरे स्मारक पर भी गए।
सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन के बाद उन्होंने कहा, ‘हमने ज़िंदगी में कभी गलत काम नहीं किया। मैंने 100 दिन से भी अधिक जेल में काटे जिसे में कभी भूलूंगा नहीं। मुझे किसी से गिला शिकवा नहीं है। मुझे हमारी न्याय व्यवस्था ने न्याय दिया और मैं उनका आभारी हूं. मैंने 100 दिन से अधिक जेल में काटे लेकिन क्यों? मेरा क्या गुनाह है? मुझे जेल क्यों भेजा, मुझे अब तक नहीं पता। मुझे न्याय व्यवस्था में भरोसा है और आज वह भरोसा बढ़ गया है।’
मैंने 100 दिन से अधिक जेल में काटे लेकिन क्यों? मेरा क्या गुनाह है? मुझे जेल क्यों भेजा, मुझे अब तक नहीं पता। मुझे न्याय व्यवस्था में भरोसा है और आज वह भरोसा बढ़ गया है: शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत, मुंबई, महाराष्ट्र pic.twitter.com/ooUTprmbvJ
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हमने ज़िंदगी में कभी गलत काम नहीं किया। मैंने 100 दिन से भी अधिक जेल में काटे जिसे में कभी भूलूंगा नहीं। मुझे किसी से गिला शिकवा नहीं है। मुझे हमारी न्याय व्यवस्था ने न्याय दिया और मैं उनका आभारी हूं: सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन के बाद शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत pic.twitter.com/zPxnZJwWaV
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उसके बाद रात साढ़े दस बजे संजय राउत अपने भांडुप स्थित घर पहुंचे। घर पहुंचने के बाद उन्होंने वह एकत्रित पार्टी कार्यकर्ताओं संबोधित करते हुए कहा, ‘103 दिन मैं जेल में रहा, 103 विधायक जितवाऊंगा। कल से काम पर लगूंगा। मुंबई महानगरपालिका को हाथ में लेने के लिए शिवसेना को तोड़ा गया। मुझे जेल भेजने का निर्देश दिल्ली से आ रहा था। कहा जा रहा था कि उसको अंदर डालो तो हमारी सरकार आ जाएगी।’
उन्होंने कहा, ‘शिवसैनिक क्या होता है। सारे देश ने देखा। जल्दी ही पता चलेगा कि मुझे अरेस्ट करना उनकी कितनी बड़ी भूल थी। बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना एक ही है। वो है उद्धव ठाकरे की शिवसेना, किसी और को यह नाम इस्तेमाल करने का हक नहीं है’।
राउत ने कहा कि आज न्यायालय ने कहा कि संजय राउत को काई गुनाह नहीं है। आज मैं जिस रास्ते से आया हूं वहां पर मेरा स्वागत नहीं, शिवसेना का स्वागत हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि मैं ऑर्थर रोड जेल में भी अपने शिवसेना पक्ष के लिए ही काम कर रहा था। ये लड़ाई अभी शुरू हुई है और तब तक नहीं खत्म होगी जब तक शिवसेना के 103 विधायक महाराष्ट्र में नहीं होंगे।
आदित्य ठाकरे बोले- ‘टाइगर वापस आ गया है’-
संजय राउत की रिहाई के बाद शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा, “टाइगर वापस आ गया है। उसे जेल में डाल दिया गया था, लेकिन वह उस तरह से नहीं भागा जिस तरह से 40 गद्दार भाग गए थे।” तो वहीँ पार्टी की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने कहा कि जब तक पार्टी के पास संजय राउत जैसे नेता हैं, तब तक डरने की कोई बात नहीं है।
एनसीपी ने कहा- सच्चाई की जीत हुई है-
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता रोहित पवार ने एक बाघ को पिंजरे से रिहा करने का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘सच्चाई की जीत हुई है’।
क्या बिना किसी कसूर के जेल में रहे संजय राउत?
संजय राउत को पात्रा चॉल मामले में विशेष अदालत ने जमानत देते हुए बेकसूर बताया और ‘बेवजह फंसाने’ जैसी टिप्पणी की। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी जमानत के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया।
#UPDATE | Mumbai's PMLA court rejects stay on the execution of bail order to ShivSena MP Sanjay Raut and co-accused Pravin Raut, they will be released.
— ANI (@ANI) November 9, 2022
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि मामले के मुख्य आरोपी एवं रियल एस्टेट फर्म एचडीआईएल के राकेश और सारंग वधावन को ईडी ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया? कोर्ट ने यह भी कहा, ‘‘एजेंसी द्वारा म्हाडा और अन्य सरकारी विभागों के संबंधित अधिकारियों को गिरफ्तार न करने का कारण ‘‘कुछ नहीं, बल्कि तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री को एक संदेश देना था, जिससे उनके मन में एक भय पैदा हो सके कि वे इस कतार में अगले व्यक्ति हैं।’’ कोर्ट ने कहा, ‘‘यह एक आश्चर्यजनक रूप से स्वीकार किया गया तथ्य है कि एचडीआईएल के मुख्य आरोपी राकेश और सारंग वधावन को ईडी द्वारा कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था, जबकि उन्होंने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी।’’