वाराणसी.एक दिन पहले स्थानीय अखबार में कहा मानविकी संकाय डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा के बयान को प्रमुखता से लेते हुये बताया गया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष और रिलायंस फाउंडेशन की चैयरमैन नीता अंबानी की मौखिक सहमति के बाद 12 मार्च को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। जिसमें ये कहा गया कि बीएचयू सहित पूर्वांचल की महिलाओं को वो आत्मनिर्भर बनने में मदद करें।
मामला सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर संज्ञान में आने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया और हंगामे के बाद लगातार ट्विटर पर लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया, जिसमें सरकार को भी घेरा गया कि जियो यूनिवर्सिटी को रखकर कटाक्ष किया गया की अब काशी हिन्दू विश्विद्यालय को अंबानी यूनिवर्सिटी कर देना चाहिए।
देश में वाकई कॉमेडी शो चल रहा है, #BHU_को_भ्रष्टाचार_और_देशद्रोहियों के हाथ #TN_Singh में देने की तैयारी कौन कर रहा है?? @PMOIndia @DrRPNishank @rashtrapatibhvn @KGopalRSS @RSSorg @RahulGandhi @rssurjewala @Pawankhera pic.twitter.com/F5sRR9YA9S
— Shweta R Rashmi (@shwetar30) March 14, 2021
The country he getting filled with RSS and the Sangh Parivar across all institutions, nothing new to see Neeta Ambani joining the band wagon, the objective is to change the colour of diversity in our country to Saffron
— Stanley INDIA (@Stanalb) March 14, 2021
सरकार की लगातार BHU में होने वाली नियुक्तियों को लेकर फ़ज़ीहत हो रही है , मौजूदा कुलपति के बाद नये कुलपति की दौर में लगे प्रोफेसर त्रिलोकी नाथ सिंह पर भारतीय वायु सेना सुरक्षा सौदों में भ्रष्टाचार में शामिल होने के पुख्ता सबूत है।
यहाँ पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर जाये
मामला गरम होने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता के हवाले से न्यूज़ एजेंसी ANI के माध्यम से इस घटना को गलत बता दिया है।
Reports that Nita Ambani (in pic) will be a visiting lecturer at Banaras Hindu University (BHU) are fake. She hasn't received an invitation from BHU: Reliance Industries Limited spokesperson to ANI pic.twitter.com/dd8MUpER8T
— ANI (@ANI) March 17, 2021
पर सच्चाई ये हैं कि कल हुये छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद और लगातार सोशल मीडिया के द्वारा हंगामे के बाद सरकार बैक फुट पर आ गई है । विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्रों में से एक शुभम तिवारी ने पीटीआई से कहा कि सुश्री अंबानी के बजाय, जिन्होंने महिला सशक्तीकरण का उदाहरण पेश किया है, उन्हें आमंत्रित किया जाना चाहिए।
आज BHU की तरफ से इस मामलें एक बयान जारी किया गया है और बताया गया है कि उनकी तरफ से ऐसी कोई पहल नहीं हुई, पर सवाल तो ये भी है यहाँ की बिना प्रशासन के कौशल किशोर मिश्रा ने ये कदम तो उठाया नहीं होगा , पर दांव उलटा पड़ जाने के बाद अब हंगामे से बचने के लिए अपना पल्ला झाड़ लिया है पर इस पूरे मामलें में विश्विद्यालय की छवि तो धूमिल हुई है उसकी भरपाई कौन करेगा।
#BHU में विज़िटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विद्वत परिषद् की मंज़ूरी आवश्यक होती है। इस मामले में न तो ऐसी कोई मंज़ूरी दी गई है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विद्वत परिषद् के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत हुआ है। @VCofficeBHU @EduMinOfIndia @DrRPNishank
— BHU Official (@bhupro) March 17, 2021
BHU की अन्य खबरों के लिए यहाँ देखें