अपनी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में पोलैंड पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की नीति सभी देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने की है। वारसॉ में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है, और वह भारत को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क से मिलने का उत्सुकता से इंतजार कर रहे थे।
पीएम मोदी ने 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद भारतीय छात्रों को दिए गए समर्थन के लिए भारतीय समुदाय को धन्यवाद दिया।
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी पोलैंड के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं। सबकी अलग-अलग भाषाएं हैं, बोलियां हैं, खान-पान है, लेकिन आप सभी भारतीयता के भाव से जुड़े हुए हैं। आपने यहां इतना शानदार स्वागत किया है, मैं आप सभी का, पोलैंड की जनता का इस स्वागत के लिए बहुत आभारी हूं। पीएम मोदी ने शांति का दो-टूक संदेश दिया और कहा कि भारत, बुद्ध की विरासत वाली धरती है। हम युद्ध नहीं शांति पर भरोसा करते हैं। भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का पैरोकार है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि वर्तमान युग युद्ध का नहीं है।
पीएम ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा कि भारत लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला जीवंत लोकतंत्र भी है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों का लोकतंत्र पर अटूट भरोसा है। ये भरोसा हमने हाल के चुनावों में भी देखा है। ये इतिहास का सबसे बड़ा चुनाव था। उन्होंने कहा, ‘मैंने देश की जनता को वादा किया है, मेरे तीसरे टर्म में भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा।’
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भारत के आर्थिक विकास और मजबूत संरचनात्मक विकास का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, नैस्कॉम का अनुमान है कि भारत अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण इस दशक के अंत तक आठ ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि दशकों तक, भारत की नीति थी कि सारे देशों से समान दूरी बनाए रखो, जबकि आज के भारत की नीति है, सारे देशों से नजदीकी बनाओ। आज का भारत सबसे जुड़ना चाहता है, आज का भारत सबके विकास की बात करता है, आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया, भारत को विश्व बंधु के रूप में सम्मान दे रही है।
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पीएम मोदी ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था, जब पोलैंड की हजारों महिलाएं और बच्चे शरण के लिए जगह-जगह भटक रहे थे, तक जामनगर के महाराजा दिग्विजय सिंह रणजीत सिंह जाडेजा आगे आए। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के लिए एक विशेष कैंप बनवाया। बकौल पीएम मोदी, जामनगर के तत्कालीन महाराज ने कैंप की महिलाओं और बच्चों से कहा था कि जैसे जामनगर के लोग मुझे बापू कहते हैं, वैसे मैं आपका भी बापू हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा, आज ही मुझे मोंटे कसीनो मेमोरियल पर श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला है। ये मेमोरियल हजारों भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद दिलाता है। इस बात का प्रमाण है कि कैसे विश्व के हर कोने में भारतीयों ने अपना कर्तव्य निभाया है।
इससे पहले पीएम मोदी ने वारसॉ में वलीवडे-कोल्हापुर शिविर के स्मारक पर पोलिश-भारतीय विरासत को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने मोंटे कैसीनो युद्ध स्मारक के पास वलीवडे-कोल्हापुर शिविर के स्मारक पट्टिका पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसका उद्घाटन नवंबर 2017 में किया गया था।
उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, यह स्मारक कोल्हापुर के महान शाही परिवार को श्रद्धांजलि है। यह शाही परिवार द्वितीय विश्व युद्ध की भयावहता के कारण विस्थापित पोलिश महिलाओं और बच्चों को आश्रय देने में सबसे आगे था। महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पास वलीवडे गांव में 5,000 से अधिक पोलिश लोग रहते थे। ये लोग एकजुट होकर अपनी मातृभूमि पर लौटने से पहले कई वर्षों तक काम करते रहे। द्वितीय विश्व युद्ध के चरम पर होने के वक्त इनमें से अधिकांश लोग पोलिश शिविरों से भागकर जमीन या समुद्र के रास्ते वहां पहुंचे थे।
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पीएम मोदी पोलैंड से यूक्रेन की ट्रेन से करेंगे यात्रा:
पोलैंड से पीएम मोदी 23 अगस्त को एक लक्जरी ‘ट्रेन फोर्स वन’ पर यूक्रेन की यात्रा करेंगे, जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जैसे वैश्विक नेता पहले यात्रा कर चुके हैं। पीएम मोदी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मिलेंगे और बातचीत करेंगे।
फरवरी 2022 में रूस के देश पर आक्रमण के बाद यह पीएम मोदी की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी।
पीएम मोदी ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में यूक्रेन को “मित्र” और “साझेदार” कहा और उम्मीद जताई कि जल्द ही शांति और स्थिरता लौटेगी।
उन्होंने कहा, “पोलैंड से, मैं राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा करूंगा। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है। मैं द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और चल रहे यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ पहले की बातचीत को आगे बढ़ाने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं।”
पीएम ने कहा, “एक मित्र और भागीदार के रूप में, हम क्षेत्र में शीघ्र शांति और स्थिरता की वापसी की उम्मीद करते हैं। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा दोनों देशों के साथ व्यापक संपर्कों की स्वाभाविक निरंतरता के रूप में काम करेगी और आने वाले वर्षों में मजबूत और अधिक जीवंत नींव बनाने में मदद करेगी।”