बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को बदलापुर में दो किंडरगार्टन छात्राओं के यौन उत्पीड़न मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी पर महाराष्ट्र पुलिस की खिंचाई की और सरकार को अपराध की रिपोर्ट न करने के लिए स्कूल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अदालत ने दूसरी पीड़िता का बयान दर्ज करने में हुई देरी के लिए भी पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा, “क्या आपने दूसरे बच्चे का बयान दर्ज करने का कोई प्रयास किया है? क्या कदम उठाए गए हैं? हमें बताएं कि दूसरे बच्चे का बयान दर्ज करने में इतनी देरी क्यों हुई। समझ में नहीं आता कि पुलिस इसे इतने हल्के में कैसे लेती है।”
अदालत ने कहा, “क्या यह ज़रूरी है कि लोग विरोध करें और आप सार्वजनिक आक्रोश के बाद ही कार्रवाई करें?”
मालूम हो कि महाराष्ट्र के बदलापुर के एक स्कूल में 12-13 अगस्त के बीच एक सफाई कर्मचारी ने तीन और चार साल की दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया था। आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस ने 17 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
इस घटना से बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया और आरोप लगे कि लड़कियों के माता-पिता को उनकी शिकायत लेने से पहले बदलापुर पुलिस स्टेशन में 12 घंटे तक इंतजार कराया गया।
मंगलवार को हजारों लोगों ने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेनें रोकीं और उस स्कूल में भी तोड़फोड़ की, जहां दो लड़कियों के साथ यौन शोषण हुआ था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि यह पाया गया कि कर्तव्य में लापरवाही हुई है तो वह पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा। अदालत ने कहा कि ऐसी खामियां लोगों को पुलिस के पास आने से हतोत्साहित करती हैं।
अदालत ने कहा, “नाबालिगों के ऐसे मामलों में पहली बात यह है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज की होगी। लेकिन उन्होंने परिवार को घंटों इंतजार कराया।”
इस पर सरकारी वकील ने कहा कि उसने तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और घटना की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की है।
हाई कोर्ट ने कहा, “पुलिस ने अपनी भूमिका नहीं निभाई है। क्या पुलिस संवेदनशील है? पुलिस को तुरंत (एफआईआर) दर्ज करनी चाहिए थी। लोगों को एफआईआर दर्ज कराने के लिए इस तरह सड़कों पर नहीं आना चाहिए।”
अदालत ने यह भी पूछा कि क्या स्कूल अधिकारियों के खिलाफ POCSO अधिनियम के प्रावधान लागू किए गए हैं। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि यह अब किया जाएगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को तय की।