एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। अपनी शपथ उन्होनें इन शब्दों के साथ समाप्त की, “जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन।” पांचवीं बार लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने वाले ओवैसी ने कहा कि वह भारत के हाशिए पर रहने वाले लोगों के मुद्दों को ईमानदारी से उठाना जारी रखेंगे।
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असदुद्दीन औवेसी जैसे ही शपथ लेने गए, बीजेपी सांसदों ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। नारों से प्रभावित हुए बिना, ओवैसी ने उर्दू में अपनी शपथ ली और “जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन” कहकर इसे समाप्त किया।
अपने नारे पर विवाद छिड़ने पर ओवैसी ने कहा कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो उन्हें ‘जय फिलिस्तीन’ कहने से रोकता हो।
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने ओवैसी के इस नारे का विरोध किया। साथ ही इसे रिकॉर्ड से हटाने की मांग भी की।
रेड्डी ने कहा कि ओवैसी द्वारा दिया गया ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा “बिल्कुल गलत” और संविधान के खिलाफ है। रेड्डी ने कहा कि इस देश की संसद में शपथ लेने के दौरान जय फिलिस्तीन का जो नारा लगाया गया, वो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि वह (ओवैसी) एक तरफ संविधान की बात करते हैं, दूसरी तरफ संविधान के खिलाफ नारेबाजी करना। साथ ही भारत में रहकर फिलिस्तीन का गाना गाना, पूरी तरह से गलत है। ऐसी घटनाओं से इन लोगों का असली चेहरा सामने आता है। ये लोग हर दिन हर विषय पर ऐसी हरकत करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं जनता से अनुरोध करूंगा कि वह लोकसभा में ऐसे नारे लगाने वालों को पहचाने।
ओवैसी के नारे पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, ‘हम किसी देश का समर्थन या विरोध नहीं करते, लेकिन सदन में किसी देश का नाम लेना ठीक नहीं है।’
इससे पहले साल 2019 में ओवैसी ने अपनी शपथ “जय भीम, अल्लाह-ओ-अकबर और जय हिंद” शब्दों के साथ समाप्त की थी।
2024 के लोकसभा चुनाव में ओवैसी ने हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार माधवी लता को हराया।
बता दें कि मंगलवार को अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र का दूसरा दिन था।