18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के विवादित नारे को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। जैसे ही सत्ता पक्ष ने हंगामा किया, राधा मोहन सिंह, जो उस समय अध्यक्ष थे, ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि शपथ के अलावा कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।
प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान नवनिर्वाचित सांसदों द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी नारों को रिकॉर्ड में नहीं लिया जाएगा और उन्हें हटा दिया जाएगा।
पांचवीं बार लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने वाले ओवैसी ने बाद में एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह भारत के हाशिए पर रहने वाले लोगों के मुद्दों को ईमानदारी से उठाना जारी रखेंगे।
असदुद्दीन औवेसी जैसे ही शपथ लेने गए, बीजेपी सांसदों ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। मंत्रोच्चार से बेपरवाह, ओवैसी ने उर्दू में अपनी शपथ ली और विवादास्पद नारा लगाकर इसे समाप्त किया।
2024 के लोकसभा चुनाव में ओवैसी ने हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार माधवी लता को 3.3 लाख वोटों से हराया।
अपने नारे पर विवाद छिड़ने पर ओवैसी ने कहा कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो उन्हें यह कहने से रोकता हो।
ओवैसी ने संसद के बाहर कहा, “यह कैसे गलत है? मुझे संविधान के प्रावधान बताएं? आपको यह भी सुनना चाहिए कि दूसरों ने क्या कहा। मुझे जो कहना था मैंने कहा।”
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि ओवैसी द्वारा दिया गया नारा “बिल्कुल गलत” और संविधान के खिलाफ है।
रेड्डी ने कहा कि ओवैसी द्वारा दिया गया ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा “बिल्कुल गलत” और संविधान के खिलाफ है। रेड्डी ने कहा कि इस देश की संसद में शपथ लेने के दौरान जय फिलिस्तीन का जो नारा लगाया गया, वो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि वह (ओवैसी) एक तरफ संविधान की बात करते हैं, दूसरी तरफ संविधान के खिलाफ नारेबाजी करना। साथ ही भारत में रहकर फिलिस्तीन का गाना गाना, पूरी तरह से गलत है। ऐसी घटनाओं से इन लोगों का असली चेहरा सामने आता है। ये लोग हर दिन हर विषय पर ऐसी हरकत करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं जनता से अनुरोध करूंगा कि वह लोकसभा में ऐसे नारे लगाने वालों को पहचाने।
ओवैसी के नारे पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, ‘हम किसी देश का समर्थन या विरोध नहीं करते, लेकिन सदन में किसी देश का नाम लेना ठीक नहीं है।’
वहीँ भाजपा सांसद बिप्लब कुमार देब ने कहा, “फिलिस्तीन हो या कोई और देश, सबके भारत से अच्छे संबंध हैं। सवाल यह है कि शपथ लेते समय वह फिलिस्तीन जिंदाबाद कह सकते हैं या नहीं, भारत माता जिंदाबाद कहने की बजाय वह दूसरे देश का जिंदाबाद कह रहे हैं। इस पर विपक्ष चुप था। जब मैंने शपथ लेने से पहले नमस्ते कहा तो ओवैसी ने विरोध करना शुरू कर दिया कि यह संविधान विरोधी शब्द है। मुझे दुख है कि जनता ने उन्हें चुना है और ऐसे में जब वह इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो विपक्ष चुप रहता है, यह चिंताजनक है।”