दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से राहत नही मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश दिया है कि जो भी जरूरी मेडिकल टेस्ट है उसको कराए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद एक जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि को 19 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था।
केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से कहा कि 2 जून को जब केजरीवाल ने सरेंडर किया तब उनका वजन मापने के लिए तिहाड़ जेल में तीन अलग-अलग मशीनों का इस्तेमाल किया गया और उन्हें तीन अलग-अलग रीडिंग दिखाईं। केजरीवाल के वकील ने कहा कि दिल्ली के सीएम के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर कोई चिंता है तो केजरीवाल अर्जी दे सकते हैं और उस पर विचार किया जाएगा।
इससे पहले अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि चूंकि नियमित जमानत हो या अंतरिम जमानत हो उसके लिए पीएमएलए कानून की धारा 45 की प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। ईडी ने यह भी कहा था कि केजरीवाल की ओर से दायर नियमित और अंतरिम जमानत याचिका दोनों याचिका सुनवाई योग्य नही है।
ईडी ने दलील देते हुए यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट जैसे संवैधानिक कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 42 के तहत विशेष अधिकार है, लेकिन ट्रायल कोर्ट के पास विशेष अधिकार नही है।
एएसजी एसवी राजू ने यह भी कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 के तहत केजरीवाल को दिल्ली हाइकोर्ट जाना चाहिए। राजू ने कहा था कि केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए जो याचिका दायर की थी, उसका खुलासा ट्रायल कोर्ट में नही किया है। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने उनकी अर्जी को स्वीकार नही किया था।
जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सवाल ये है कि सुप्रीम कोर्ट अंतरिम जमानत दी है तो क्या ट्रायल कोर्ट उसमें परिवर्तन कर सकता है। मेहता ने यह भी कहा था कि एक तरफ केजरीवाल कह रहे हैं कि वे बीमार हैं, दूसरी तरफ वे रोड शो और रैलियां कर रहे है। वे कह रहे हैं कि उनका वजन 7 किलो घटा है और उन्हें कैंसर होने का खतरा है, ये सभी तथ्य बेबुनियाद है।
वहीं केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि सभी आरोप गलत है जो तथ्य याचिका में दिए गए हैं उस पर संदेह नहीं किया जा सकता है। हरिहरन ने कहा था कि स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की गई है।
हरिहरन ने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही नियमित जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट में दायर की गई है। अंतरिम जमानत को लेकर हरिहरन ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका दायर करने की छूट दी है, इस वजह से ट्रायल कोर्ट में नियमित जमानत याचिका दायर की गई है। हरिहरन ने कहा था कि केजरीवाल की तबियत खराब है, जिसकी वजह से ट्रायल कोर्ट आना पड़ा है।
हरिहरन ने कहा था कि कीटोन लेबल काफी बढ़ा हुआ है, उनका शुगर लेवल घट-बढ़ रहा है। इसलिए उनका टेस्ट कराना जरूरी है। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने केजरीवाल का वजन घटने के दावे को झूठा बताया था। उन्होंने कहा था कि जब केजरीवाल जेल गए थे तो उनका वजन 64 किलोग्राम था, निकलते समय 65 किलोग्राम था।
राजू ने कहा था कि केजरीवाल को जो दवाई दी जा रही है वो शुगर कम करने वाली है। उन्होंने कहा था कि केजरीवाल ने अपने डॉक्टर से कीटोन लेवल बढ़ने की शिकायत भी नही की।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को पीएमएलए मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए 9 बार समन जारी किया थे। हालांकि, केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नही हुए थे।