हाल ही में हुए प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारी झटका झेलने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक का 24 साल पुराना शासन समाप्त हो गया। उन्होंने बुधवार को भुवनेश्वर के राजभवन में राज्य के राज्यपाल रघुबर दास को अपना इस्तीफा सौंप दिया। 1997 के बाद से बीजू जनता दल ने 27 वर्षों तक ओडिशा पर शासन किया है। हालाँकि, हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में, वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हार गई, जिससे राज्य में पटनायक की अजेयता की आभा टूट गई।
147 सीटों वाली राज्य विधानसभा में बीजेपी को 78 सीटें मिलीं, जबकि बीजेडी पिछड़ गई और उसे केवल 51 सीटें ही मिल पाईं। वहीं भाजपा ने 78 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा कांग्रेस को 14, निर्दलीय को तीन और सीपीएम को एक सीट पर जीत मिलीं। इसके अलावा ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 20 पर और कांग्रेस ने एक सीट पर जीत हासिल की। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजद का खाता भी नहीं खोल पाई।
मंगलवार को जारी रुझानों के बाद बीजद नेता नवीन पटनायक ने सोशल मीडिया पर बीजद के कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “सभी विजेता उम्मीदवारों को शुभकामनाएं। मैं बीजू जनता दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रयास और योगदान का सम्मान करने के साथ उनका आभार व्यक्त करता हूं।”
लोकसभा चुनावों में भी भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया और वह राज्य की 21 सामान्य विधानसभा सीटों में से 20 सीटें हासिल करने में सफल रही।
पटनायक ने 1998 में अस्का निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा उपचुनाव जीतकर राज्य की राजनीति में प्रवेश किया था। लेकिन, 2000 के विधानसभा चुनावों में बीजद की जीत हासिल होने और भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाने के बाद, पटनायक ने राज्य के मुख्यमंत्री की भूमिका निभाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
ओडिशा के मुख्यमंत्री बनने से पहले वह बीजद के अध्यक्ष और केंद्रीय इस्पात और खनन मंत्री के पद पर भी काम कर चुके हैं।
मालूम हो कि पटनायक सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग के बाद दूसरे सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले मुख्यमंत्री रहे हैं।