कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय के समन को दरकिनार करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट कोर्ट ने तलब किया है। उन्हें 17 फरवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा है। मामले में जांच एजेंसी द्वारा पांच समन जारी करने के बाद ईडी ने 3 फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट में मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने फैसला सुनाया और उन्हें अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया।
अदालत के समन पर प्रतिक्रिया देते हुए आप नेता जैस्मीन शाह ने कहा, “हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं। समन के जवाब में उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।”
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “अरविंद केजरीवाल कानून से बच नहीं सकते। नैतिक आधार पर उनको इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उन्होनें भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बदल दी है।”
केजरीवाल ने जांच एजेंसी के पांच समन को नजरअंदाज कर दिया था और उन्हें अपनी गिरफ्तारी के लिए अवैध प्रयास बताया था। उन्होंने दावा किया था कि समन का उद्देश्य उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकना था। वे 2023 में 2 नवंबर और 21 दिसंबर और 3 जनवरी और इस साल 18 जनवरी और 2 फरवरी के लिए जारी ईडी के समन में जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।
ईडी द्वारा पीएमएलए की धारा 50 के तहत समन के बावजूद पेश न होने पर शिकायत दर्ज की गई थी। ये धारा समन, दस्तावेजों की जांच आदि के संबंध में ईडी की शक्तियों को निर्धारित करता है। ईडी की शिकायत पर कोर्ट ने केजरीवाल को समन जारी कर 17 फरवरी को पेश होने को कहा है। ईडी ने अपनी अर्जी में कहा है कि केजरीवाल जानबूझकर समन पर नहीं आए। इतने ऊंचे पद पर बैठे लोग अगर समन पर नहीं जाएंगे, कानून का पालन नहीं करेंगे तो इससे गलत मैसेज जाता है।
ईडी ने राउज़ ऐवन्यू कोर्ट में ये कहा-
1. केजरीवाल जानबूझकर समन पर नहीं आए।
2. इतने ऊंचे पद पर बैठे लोग अगर समन पर नहीं जाएंगे, कानून का पालन नहीं करेंगे तो इससे गलत मैसेज जाता है।
3. ED ने इस मामले में अब तक कुल से 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें संजय सिंह, मनीष सिसोदिया और विजय नायर जैसे लोग हैं। ईडी को अपनी जांच आगे बढ़ाने के लिए, प्रोसीड ऑफ़ क्राइम पता लगाने के लिए, अन्य लोगों की भूमिका पता लगाने के लिए अरविंद केजरीवाल को सामान देना जरूरी था।
4. शराब नीति में आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं को कथित तौर पर फायदा पहुंचाने के लिए अपराधिक षड्यंत्र बनाया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय कार्यकारणी कमेटी के सदस्य भी हैं।
5. दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 बेहद ही गुप्त तरीके से और मुख्य लाभार्थियों की मिलीभगत से किया गया था, जिन्हें अवैध आर्थिक लाभों के बदले में लाभ/उपहार दिए जाने थे।
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 17 अगस्त 2022 को 2021-22 के लिए दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज एक मामले से शुरू हुई है। सीबीआई ने मामला 20 जुलाई 2022 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा की गई एक शिकायत पर दर्ज किया गया था। इसके बाद ईडी ने 22 अगस्त 2022 को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर मामला दर्ज किया।
यह आरोप लगाया गया है कि नीति बनाते समय पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसौदिया और अन्य अज्ञात और अनाम निजी व्यक्तियों/संस्थाओं सहित AAP नेताओं द्वारा एक आपराधिक साजिश रची गई थी, और टेंडर के बाद कुछ लाइसेंसधारियों और साजिशकर्ताओं को फायदा पहुंचाने का इरादा था।