असम में बाघों के संरक्षण के लिए आवंटित कोष के दुरुपयोग का मामला सामने आया है। एक आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की काजीरंगा यात्रा पर बाघ संरक्षण कोष से पैसा खर्च किया गया था। आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि बाघों के संरक्षण के लिए आवंटित कोष का पैसा भोजन, टेंट, कालीन और स्मृति चिन्ह पर खर्च किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद अपनी पत्नी और बेटी के साथ 25-27 फरवरी 2022 तक असम की तीन दिवसीय यात्रा पर गए थे।
असम सरकार ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बाघ संरक्षण कोष से 1.1 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया था जबकि प्रधान मुख्य वन संरक्षक और तत्कालीन मुख्य वन्यजीव वार्डन यादव ने केएनपी के एक अन्य वन्यजीव कोष से गणमान्य व्यक्तियों के लिए ‘रेड कार्पेट’ बिछाने के लिए 51.98 लाख रुपये आवंटित किए थे।
इस बीच प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) महेंद्र कुमार यादव को मुख्य वन्यजीव वार्डन के अतिरिक्त प्रभार से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है। वह असम के वन बल (एचओएफएफ) के प्रमुख भी हैं।
इससे पहले असम सरकार ने इन आरोपों की ‘पड़ताल’ करने का निर्देश एक अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश दिया था। पर्यावरण और वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा था कि एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा आरटीआई आवेदन के जवाब के बाद वन और पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रवि शंकर प्रसाद को आरोपों को देखने के लिए कहा गया है।
असम के कार्यकर्ता रोहित चौधरी द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में काजीरंगा क्षेत्र के निदेशक कार्यालय ने कहा: “पिछले साल फरवरी में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा पर लगभग 1.1 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। पैसा बाघों के संरक्षण के लिए इस्तेमाल होने वाले कोष से खर्च किया गया था”।
असम के वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा- “CWLW का पद PCCF (वन्यजीव और जैव विविधता) को दिया जाता है, न कि वन बलों के प्रमुख को। इसलिए हमने उन्हें उनके अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया।”
बता दें कि संदीप कुमार जो वर्तमान में पीसीसीएफ (वन्यजीव और जैव विविधता) हैं उन्हें ही सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू का पद दे दिया गया हैं। उन्होंने 1 अप्रैल को पदभार ग्रहण किया। पूर्व CWLW, महेंद्र कुमार यादव एक वर्ष के लिए इस पद पर बने रहे थे। यादव 1989 बैच के भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी हैं। उन्होंने अमित सहाय से पदभार ग्रहण किया था, जो 31 मई, 2022 को सेवानिवृत्त हुए थे।