अडानी समूह के लिए मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। गौतम अडानी को साल 2023 में अब तक 59.2 अरब डॉलर का घाटा हुआ है और इसमें से 52 अरब डॉलर का नुकसान सिर्फ गुजरे 10 दिनों में हुआ है। गौतम अडानी अब दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में 21वें नबंर पर पहुंच गए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने के बाद से उन्हें हर मोर्चे पर भाड़ी नुकसान झेलना पड़ रहा है। स्थिति अब इतनी खराब हो चुकी है कि शुक्रवार को अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर 35 फीसदी तक टूट गए।
इस बीच शुक्रवार को ही अमेरिका के Dow Jones Sustainability indices ने बड़ा फैसला लेते हुए अडानी एंटरप्राइजेज को S&P इंडेक्स से बाहर करने का फैसला किया है। इसके साथ अब अमेरिकी शेयर मार्केट में अडानी एंटरप्राइजेज नहीं होगा।
S&P Dow Jones Indices के प्रेस नोट के अनुसार, अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज को आगामी 7 फरवरी को Dow Jones सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से हटा दिया जाएगा। इस नोट में कहा गया है कि अडानी इंटरप्राइजेज को स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड के आरोपों का विश्लेषण करने के बाद हटाया जाएगा। इसमें ये भी कहा गया है कि अडानी इंटरप्राइजेज को बाहर करने का फैसला कंपनी के शेयरों में लगातार आ रही भारी गिरावट की वजह से लिया गया है। मालूम हो कि बीते दिनों हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को लेकर कई तरह के दावे किए गए थे।
आइये सिलसिलेवार ढंग से जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है और इसकी शुरुआत कहां से हुई?
18 जनवरी: अडानी इंटरप्राइजेज की ओर से शेयर बाजार को 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ के बारे में बताया गया। एफपीओ के जरिये लिस्टेड कंपनियां फंड जमा करने के लिए अपने शेयर बेचने का ऑफर करती हैं।
24 जनवरी: हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी ने ‘अडानी ग्रुपः हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज़ पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों में गड़बड़ी और धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया।
25 जनवरी: अडानी ग्रुप के सीएफओ जुगशिंदर सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये रिपोर्ट गलत और आधारहीन सूचनाओं के साथ तैयार की गई है।
26 जनवरी: अडानी ग्रुप ने कहा कि वे हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी विकल्पों पर विचार करेंगे तो वहीं, हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना था कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है।
27 जनवरी: अडानी ग्रुप के शेयरों को भारी नुकसान हुआ। गौतम अडानी दुनिया के पांच सबसे अमीर व्यक्ति की सूची से भी बाहर हो गए। उनकी कुल संपत्ति 98.1 बिलियन डॉलर रह गई।
29 जनवरी: अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को भारत की संस्थाओं पर एक सुनियोजित हमला करार दिया। अडानी ग्रुप ने कहा कि ये रिपोर्ट न तो स्वतंत्र है, न ही वस्तुनिष्ट है और बिना रिसर्च किए ही तैयार कर ली गई है। हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठ हैं। 413 पन्नों में अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में उठाए गए सभी 88 सवालों का जवाब दिया।
30 जनवरी: अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट हुई। गौतम अडानी की संपत्ति 8.5 बिलियन डॉलर के घाटे के साथ 88.2 बिलियन डॉलर पहुंच गई। हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने से पहले गौतम अडानी की संपत्ति 120 अरब डॉलर थी।
31 जनवरी: एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिला – अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को निवेशकों का खूब समर्थन मिला। 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश के मुकाबले 4.62 करोड़ शेयरों की मांग हुई।
1 फरवरी: अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को रद्द कर दिया। कंपनी ने कहा कि वो अपने एफपीओ के हिस्से के रूप में प्राप्त धन को वापस कर देगी।
2 फरवरी: गौतम अडानी ने कहा कि पूरी तरह से सब्सक्राइब्ड एफपीओ के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा, लेकिन मार्केट के उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड ने इस एफपीओ के साथ आगे बढ़ना सही नहीं समझा।
2 फरवरी: NSE ने अडानी ग्रुप की तीन कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स को एडिशनल सर्विलांस मेजर्स के तहत रखने का फैसला लिया।
2 फरवरी: RBI ने बैंकों से रिपोर्ट मांगी कि उनके पास अडानी ग्रुप का कितना एक्सपोजर है? यानी कि किस बैंक के पास अडानी ग्रुप का कितना कर्ज है?
बता दें कि Bloomberg Billionaires Index के अनुसार गौतम अडानी 61.3 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के टॉप 20 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए। वर्तमान में वो 21वें पायदान पर हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने से पहले अडानी 24 जनवरी को चौथे पायदान पर थे और उनकी कुल संपत्ति 120 अरब डॉलर थी।