ईरान में महिलाओं का हिजाब विरोधी प्रदर्शन पिछले कई महीनों से जारी है और इन्हीं प्रदर्शनों को बर्बरता से दबाने की सख्त सजा अब ईरान को मिली है। संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग से ईरान को बाहर निकाल दिया गया है।
महिलाओं के अधिकारों के हनन का हवाला देते हुए अमेरिका ने UN की इकॉनोमिक एंड सोशल काउंसिल में ईरान के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया था। अमेरिका ने हिरासत में एक युवती की मौत के विरोध में तेहरान की क्रूर कार्रवाई के बाद ये प्रस्ताव पेश किया था। इसमें सिफारिश की गई थी की ईरान को UN के महिला आयोग से निकाल दिया जाना चाहिए। इस प्रस्ताव पर 54 देशों के सदस्यों वाली काउंसिल ने वोटिंग की जिसका 29 देशों ने समर्थन किया, जबकि रूस समेत 8 देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। भारत समेत 16 देशों ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
रूस ने UN में हुए वोटिंग का जमकर विरोध किया। रूस के राजदूत ने भी इसे गैरकानूनी बताया। रूस ने कहा कि ईरान को इस आयोग से निकालने से पहले UN के लीगल एक्सपर्ट का ओपिनियन लिया जाना चाहिए था।
बता दें कि महिलाओं की स्थिति पर 45 सदस्यीय आयोग हर साल मार्च में मिलता है और इसका मकसद लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। महिलाओं के अधिकारों को लेकर साल 1946 में यह आयोग बनाया गया था। इस मुख्य काम लैंगिक समानता औऱ महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यह आयोग हर साल मार्च में एक बैठक करता है जिसमें पूरी दुनिया में महिलाओं के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत, लिंडा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने इकॉनोमिक और सोशल काउंसिल में प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले कहा कि ईरान महिला आयोग की विश्वसनीयता पर धब्बा है, इसे आयोग से निकाल देना ही सही होगा। जबकि ईरान के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत अमीर सईद इरावनी ने संयुक्त राज्य अमेरिका को धमकाने वाला बताते हुए अमेरिकी कदम को अवैध बताया।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इस वोटिंग को ऐतिहासिक बता दिया है। उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि महिलाओं का ईरान में जो दमन हो रहा है, ये वोटिंग उसका जवाब है। संकेत है कि ईरान के खिलाफ कई देश एकजुट हो रहे हैं। जारी बयान में सुलिवन ने ये भी कहा कि ईरान के हर कदम के लिए उसकी जवाबदेही तय की जाएगी।
मालूम हो कि 22 साल की ईरानी लड़की महसा अमीनी को ठीक तरह से हिजाब न पहनने की वजह से मॉरैलिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस कस्टडी में महसा अमीनी की मौत हो गई। ईरान में पुलिस कस्टडी में हुई महसा अमिनी की मौत के बाद राजधानी तेहरान में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में अभी तक 450 लोगों की जान जा जुकी है। साथ ही इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए ईरान ने दो लोगों सरेआम फांसी पर भी लटकाया है।