विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने हिंदुओं में घटती जन्म दर पर चिंता व्यक्त की और प्रत्येक हिंदू परिवार में कम से कम तीन बच्चे पैदा करने का आह्वान किया है। महाकुंभ नगर में आयोजित विराट संत सम्मेलन में बोलते हुए विहिप के केन्द्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा, हिंदुओं की घटती जन्म दर के कारण देश में हिंदू जनसंख्या में असंतुलन पैदा हो गया है। हिंदू समाज के पूज्य संतों ने प्रत्येक हिंदू परिवार में कम से कम तीन बच्चे पैदा करने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि बैठक में बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार योजनाबद्ध तरीके से अत्याचार किए जाने पर भी चर्चा की गई।
बांगड़ा ने कहा, “भारत में भी कुछ तत्व हिंदुओं को बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने की धमकी दे रहे हैं। देश के हिंदुओं को इस विषय पर गहराई से सोचना चाहिए। केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड के निरंकुश और असीमित अधिकारों को सीमित करने के लिए कानून सुधार अधिनियम ला रही है।”
कार्यक्रम में शामिल गोरक्षपीठाधीश्वर और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस महाकुंभ में भारत की सनातन परंपरा दिख रही है जिसे पूरा विश्व देख रहा है। उन्होंने कहा कि यह संदेश पूरे देश के लिए दिव्य होना चाहिए जिसके लिए विश्व हिंदू परिषद का प्रयास अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि इस प्रयास का परिणाम आज पूरा विश्व इस विशाल संत सम्मेलन के माध्यम से देख रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1980 के बाद विहिप ने अपने अनेक संकल्प इसी पावन भूमि पर, मां गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन तट पर लिए हैं, जिन्हें आज हम मूर्त रूप में देख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने अशोक सिंघल को याद किया जो आज हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनकी आत्मा यह देखकर प्रसन्न हो रही होगी। सनातन धर्म जिस स्वप्न का 500 वर्षों से इंतजार कर रहा था, वह यह है कि रामलला अपनी जन्मभूमि पर दिव्य और भव्य रूप में विराजमान हों।
2016 में अयोध्या में केवल दो लाख लोग आए थे, जबकि 2024 में 15 करोड़ लोग आए। आदित्यनाथ ने कहा कि नई अयोध्या, नई काशी का भव्य और दिव्य स्वरूप दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मभूमि के बाद अब मथुरा और काशी का सपना साकार होने जा रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि यह वही पावन भूमि है जहां हिंदू समाज से संबंधित अनेक निर्णय इसी गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन तट पर पूज्य संतों द्वारा लिए गए हैं।
विहिप ने एक बयान में कहा कि ओडिशा के प्रभाकर दास जी महाराज ने हिंदू समाज की एकता पर जोर दिया, जबकि वाल्मीकि समाज के योगी उमेश नाथ जी महाराज ने हिंदू समाज से अपनी जनसंख्या बढ़ाने का अनुरोध किया।