आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है, तृणमूल कांग्रेस आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी का समर्थन करेगी। आगामी चुनावों में कांग्रेस को किसी भी इंडिया ब्लॉक सहयोगी का समर्थन नहीं मिला है, जबकि उसकी प्रतिद्वंद्वी आप को अब तृणमूल और समाजवादी पार्टी जैसे बड़े खिलाड़ियों का समर्थन प्राप्त है।
इसके अलावा, शिवसेना (यूबीटी) अगले कुछ दिनों में अरविंद केजरीवाल और आप के समर्थन में प्रचार करने की योजना बना रही है। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं।
केजरीवाल ने आगामी चुनावों में आप को समर्थन देने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “टीएमसी ने दिल्ली चुनाव में आप को समर्थन देने की घोषणा की है। मैं व्यक्तिगत रूप से ममता दीदी का आभारी हूं। धन्यवाद दीदी। आपने हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में हमारा समर्थन और आशीर्वाद दिया है।”
इससे पहले दिसंबर में AAP द्वारा आयोजित एक महिला अदालत के दौरान, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में AAP को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी।
अखिलेश यादव ने कहा था कि जो भारतीय जनता पार्टी को हराएगा, सपा उसका साथ देगी। यादव ने कहा था – “दिल्ली मे कांग्रेस के पास मजबूत संगठन नहीं है, ऐसे में हमारा दल आम आदमी पार्टी को समर्थन देगा। मैं आम आदमी पार्टी के साथ मंच साझा करूंगा। दिल्ली में भाजपा को आप ही हरा पाएगी. ऐसे में जो भाजपा को हराएगा, सपा उसके साथ है।”
वहीं भाजपा ने इस मामले पर इंडिया गठबंधन पर तंज कसा है। भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने कहा, “INDI गठबंधन टूट चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के पहले कहा था कि ये असफल राजनीतिक गठबंधन है जिसका टूटना तय है। जो आपस में लड़ते हैं उनको जनता कभी समर्थन नहीं देती है। हरियाणा में आपस में लड़े जनता ने विपक्ष में बैठा दिया। महाराष्ट्र में एक दूसरे को आंख दिखा रहे थे, विपक्ष में बैठे हैं। ठीक इसी तरीके से दिल्ली में इन लोगों ने कांग्रेस को आंख दिखाई, अब विपक्ष में बैठेंगे। जनता जानती है जो खुद का घर साथ नहीं रख सकते वो जनता का क्या समर्थन जीतेंगे। इसलिए 2014 से 2024 तक विपक्ष में बैठे हैं, 2029 में भी विपक्ष में बैठेंगे।”
गौरतलब है कि AAP ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का विकल्प चुना है। सत्तारूढ़ AAP ने 2015 और 2020 के चुनावों में क्रमशः 67 और 62 सीटों के साथ जीत हासिल की और राजधानी में हैट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा है।
हाल ही में, आप ने कहा कि वह कांग्रेस को गठबंधन से हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के अन्य दलों से परामर्श करेगी। इससे पहले आप ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन पर “अस्तित्वहीन” कल्याणकारी योजनाओं का वादा करके जनता को “गुमराह करने और धोखा देने” का आरोप लगाया गया था।
इस बीच, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के शीर्ष नेता दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान से गायब हैं। इसके बजाय, कांग्रेस ने अपने दूसरे दर्जे के नेताओं और दूसरे राज्यों से लाए गए सांसदों पर ही अपना अभियान चलाया है।
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी।