उत्तर प्रदेश, पंजाब, केरल और उत्तराखंड की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान हुआ, जिसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। हालांकि, इन उपचुनावों से संबंधित विधानसभाओं की संरचना पर सीधे प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है। 9 सीटों की यह लड़ाई योगी बनाम अखिलेश की हो चुकी है, जिसे अगले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। यूपी का उपचुनाव किसी के लिए नाक की लड़ाई है, तो किसी के लिए साख की लड़ाई है।
मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुरादाबाद की कुंदरकी, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, गाजियाबाद, प्रयागराज की फूलपुर, अलीगढ़ की खैर और मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट पर उपचुनाव की वोटिंग हुई है। 2022 के विधानसभा चुनावों में, सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवान और खैर पर जीत दर्ज की थी। मीरापुर सीट पर बीजेपी की सहयोगी आरएलडी ने जीत दर्ज की थी।
सवाल सिर्फ नौ सीटों पर उपचुनाव का नहीं है, सवाल सिर्फ प्रत्याशियों की जीत हार का नहीं है। सीधी चुनौती योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच है और केंद्र पर है 2027 की लखनऊ विजय। ये परीक्षा है योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे नारे की, जिसकी शुरुआत यूपी से हुई और जिसका प्रयोग हरियाणा के बाद झारखंड और महाराष्ट्र में भी किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में करहल, मीरापुर,, ककरौली, सीसामऊ सीट, मुजफ्फरपुर में पुलिस से झड़पें हुईं। सपा और भाजपा ने वोट के दौरान नियमों का पालन नहीं करने की शिकायतें चुनाव आयोग से कीं। करहल में वोटिंग के बीच दलित युवती की हत्या कर दी गई। पिता ने आरोप लगाया कि सपा को वोट देने से मना करने पर युवक ने बेटी को मार डाला।
चुनाव आयोग ने सपा की शिकायत पर 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि इन्होंने मतदाताओं के वोटर आईडी चेक किए और बूथ पर नहीं जाने दिया। कानपुर में 2,मुरादाबाद में 3 और मुजफ्फरनगर में 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए।
इन नौ निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 34.35 लाख मतदाता हैं, जिनमें 18,46,846 पुरुष, 15,88,967 महिलाएं और 161 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। 3,718 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ है। कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 11 महिलाएं हैं।
गाजियाबाद में मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है, जबकि सीसामऊ सीट पर सबसे कम। 14 के साथ, गाजियाबाद में उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक है जबकि पांच उम्मीदवारों के साथ, खैर (एससी) और सीसामऊ में सबसे कम उम्मीदवार हैं।
यूपी के अलावा पंजाब में गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल (एससी) और बरनाला में उपचुनाव हुए हैं। इन निर्वाचन क्षेत्रों से विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद ये उपचुनाव आवश्यक हो गए थे। चार सीटों में से तीन पहले कांग्रेस के पास थीं, जबकि बरनाला सीट आम आदमी पार्टी (आप) के पास थी। इन सीटों के लिए तीन महिलाओं सहित पैंतालीस उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री जैसे प्रमुख प्रतियोगी हैं। मंत्री और भाजपा उम्मीदवार मनप्रीत सिंह बादल, कांग्रेस से अमृता वारिंग और आप से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों मैदान में हैं।
केरल में, वडकारा से कांग्रेस विधायक शफी परम्बिल के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद पलक्कड़ निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव जरूरी हो गया था।
उत्तराखंड में बीजेपी विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ में वोटिंग हुई। यह सीट भाजपा की आशा नौटियाल और कांग्रेस के मनोज रावत के बीच युद्ध का मैदान रही है। दोनों ने अतीत में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। केदारनाथ निर्वाचन क्षेत्र में 90,540 पात्र मतदाता हैं, जिनमें 45,775 महिलाएं शामिल हैं।
विधानसभा उपचुनाव वाली 15 में से 13 सीटों पर विधायकों के सांसद बनने, 1 के निधन और 1 के जेल जाने से सीटें खाली हुई हैं। इनमें 2 सीटें SC के लिए आरक्षित हैं। उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा 9 सीटों पर वोटिंग हो रही है। 15 सीटों में से भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के पास 4-4 और आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रीय लोकदल (RLD) और निषाद पार्टी के पास 1-1 सीट थी।
वहीं महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन से खाली हुई है। लोकसभा चुनाव के सिर्फ दो महीने बाद ही अगस्त, 2024 में उनका देहांत हो गया था। पार्टी ने उनके बेटे रविन्द्र चव्हाण को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा ने डॉ. संतुक हंबार्डे को उतारा है। पहले 3 राज्यों की 14 सीटों पर 13 नवंबर को ही वोटिंग होनी थी, लेकिन गुरुनानकदेव जी के प्रकाश पर्व और कलपाथि रास्थोलसेवम त्योहारों की वजह से चुनाव आयोग ने तारीख में बदलाव किया था।
शाम 5 बजे तक के वोटिंग के आंकड़े:
पलक्कड़ (केरल) – 62.25%
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केदारनाथ (उत्तराखंड) – 56.78%
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डेरा बाबा नानक (पंजाब) – 59.80%
बरनाला (पंजाब) – 52.70%
चब्बेवाल (पंजाब) – 48.01%
गिद्दड़बाहा (पंजाब) – 78.10%
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कुंदरकी (उत्तर प्रदेश) – 57.32%
करहल (उत्तर प्रदेश) – 53.92%
कटेहरी (उत्तर प्रदेश) – 56.69%
गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) – 33.30%
सीसामऊ (उत्तर प्रदेश) – 49.03%
मीरापुर (उत्तर प्रदेश) – 57.02%
माझवां (उत्तर प्रदेश) – 50.41%
खैर (उत्तर प्रदेश) – 46.35%
फूलपुर (उत्तर प्रदेश) – 43.43%
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नांदेड़ (महाराष्ट्र) – 53.78%