केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार किया है। अमित शाह ने कहा था कि राज्य सरकार को बाढ़ और भूस्खलन के बारे में पहले ही आगाह कर दिया गया था। तिरुवनंतपुरम में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार को यह भी महसूस करना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित गंभीर मुद्दे हैं। क्या अतीत में हमने इतनी अधिक वर्षा देखी थी जैसा हम अब देख रहे हैं? हमें जलवायु परिवर्तन शमन प्रयासों की आवश्यकता है। जब ऐसा कुछ होता है, तो आप केवल दूसरों पर दोष मढ़ने और जिम्मेदारी से बचने की कोशिश नहीं कर सकते। जैसा कि मैंने कहा, मुझे नहीं लगता कि यह आरोप-प्रत्यारोप का समय है।”
पिनाराई विजयन राज्यसभा में अमित शाह द्वारा दिए गए उस बयान का जवाब दे रहे थे, जहां गृह मंत्री ने कहा था कि 23 जुलाई को केरल सरकार को प्रारंभिक चेतावनी दी गई थी।
राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, “शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं देश के लिए कुछ स्पष्ट करना चाहता हूं। वे पूर्व चेतावनी की बात करते रहे हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को भारत सरकार ने केरल सरकार को पूर्व चेतावनी दी थी-घटना से 7 दिन पहले और फिर 24 और 25 जुलाई को भी पूर्व चेतावनी दी गई। 26 जुलाई को चेतावनी दी गई कि 20 सेमी. से अधिक भारी वर्षा की संभावना है और भूस्खलन की संभावना है, मिट्टी का बहाव हो सकता है और इसमें लोगों की जान जा सकती है। भारत सरकार की पूर्व चेतावनी प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार ने 2014 के बाद पूर्व चेतावनी प्रणाली के लिए 2000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।”
गृह मंत्री ने कहा कि 23 जुलाई को भूस्खलन की आशंका को देखते हुए एनडीआरएफ की नौ टीमें केरल भेजी गईं। उन्होंने पूछा, “केरल सरकार ने क्या किया? क्या लोगों को स्थानांतरित किया गया? और यदि उन्हें स्थानांतरित किया गया, तो उनकी मृत्यु कैसे हुई?”
वहीं लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मेरा बस एक ही अनुरोध है कि सभी राज्य सरकारों को उन्हें दी गई प्रारंभिक चेतावनियों के बाद निवारक कार्रवाई करनी चाहिए। मैं केरल के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सरकार राज्य सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी है और हम राहत और पुनर्वास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
इस पर पिनाराई विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार की मौसम चेतावनी थी कि वायनाड में 115-204 मिमी के बीच बारिश होगी। लेकिन अगले 48 घंटों में इलाके में 572 मिमी बारिश हुई।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भूस्खलन वाले दिन सिर्फ ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। उन्होंने कहा, “त्रासदी आने से पहले, क्षेत्र में एक बार भी रेड अलर्ट जारी नहीं किया गया था। भूस्खलन होने के बाद ही, उस दिन सुबह 6 बजे, उन्होंने रेड अलर्ट जारी किया।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि 29 जुलाई को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने 30 और 31 जुलाई के लिए ग्रीन अलर्ट जारी किया था, जिसमें मामूली भूस्खलन या चट्टान फटने की संभावना का संकेत दिया गया था। हालांकि, उस समय तक भारी बारिश हो चुकी थी और भूस्खलन हो चुका था।
उन्होंने कहा, “23 से 29 जुलाई तक केंद्रीय जल आयोग, जो बाढ़ की चेतावनी जारी करने के लिए जिम्मेदार है, ने इरुवाझिनजी पुझा या चालियार के लिए कोई चेतावनी जारी नहीं की। केंद्रीय गृह मंत्री ने संसद में ऐसी जानकारी पेश की है जो इन तथ्यों से असंगत है।”
पिनाराई विजयन ने कहा, “जब वे (अमित शाह) गर्व से कहते हैं कि हम (पूर्व अलर्ट देने वाले देशों में) सर्वश्रेष्ठ हैं, तो मैं सिर्फ यह बता रहा हूं कि ऐसी त्रुटियां भी हुई हैं। मैं उन्हें दोष देने के लिए ऐसा नहीं कह रहा हूं।”
मालूम हो कि मंगलवार को वायनाड जिले में भारी भूस्खलन के बाद कम से कम 167 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए।