सोमवार को लोकसभा में बजट पर बोलते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश आज एक ‘चक्रव्यूह’ में फंस गया है, जिसका प्रतिनिधित्व कमल का निशान (भाजपा का) करता है। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में डर का माहौल है। कांग्रेस नेता ने कहा, “भारत एक ‘चक्रव्यूह’ में फंस गया है जिसका प्रतिनिधित्व कमल का प्रतीक करता है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सीने पर पहनते हैं।”
गांधी ने कहा, “युवाओं को अग्निवीर ‘चक्रव्यूह’ में फंसा दिया गया है और बजट में अग्निवीरों के लिए पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है।”
कांग्रेस नेता ने अभिमन्यू को चक्रव्यूह में फंसाकर मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जो अभिमन्यू के साथ किया गया था, वही हिंदुस्तान के लोगों के साथ किया जा रहा है। चक्रव्यूह का एक और रूप होता है- पद्मव्यूह जो लोटसव्यू में होता है जिसे मोदीजी अपने सीने पर लगाकर चलते हैं। इस व्यूह को मोदीजी, अमित शाहजी, मोहन भागवत जी, अजित डोभाल जी, अंबानी जी, अडानी जी कंट्रोल कर रहे हैं। 21वीं सदी में नया चक्रव्यूह रचा गया।”
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इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने इस पर राहुल गांधी को टोकते हुए कहा कि आपके सदस्यों ने भी कई बार कहा है कि जो सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम नहीं जाना चाहिए। इस पर राहुल ने कहा कि आप कहते हैं तो एनएसए, अंबानी और अडानी जी का नाम निकाल देता हूं सर।
सदन में बोलते हुए राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि देश डर के माहौल में जी रहा है। उन्होंने कहा, “भारत में डर का माहौल है और यह डर हमारे देश के हर पहलू में व्याप्त है। मेरे दोस्त मुस्कुरा रहे हैं, लेकिन वे डरे हुए भी हैं।”
राहुल गांधी ने कहा, “भाजपा में, केवल एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने की अनुमति है। यदि रक्षा मंत्री तय करता है कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहता है, तो एक बड़ी समस्या है, डर है। यह डर पूरे देश में फैल गया है।”
22 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट की भी आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “बजट ने कर आतंकवाद के मुद्दे को संबोधित नहीं किया है, और इससे छोटे व्यवसायों को भारी नुकसान हुआ है।”
गांधी ने कहा कि दो लोग देश की अर्थव्यवस्था संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा, “बजट में युवाओं के लिए आपने क्या किया? इसके कारण एक युवा को रोजगार नहीं मिल सकता। ये जो इंटर्नशिप प्रोग्राम है, वह मजाक है। क्योंकि आपने कहा कि इंटर्नशिप केवल देश की टॉप 500 कंपनियों में ही होगा। आपने पहले युवाओं की टांग तोड़ दी और फिर बैंडेज लगा रहे हैं। युवाओं को आपने एक तरफ पेपरलीक, दूसरी तरफ बेरोजगारी के चक्रव्यूह में फंसा दिया है। 10 साल में 70 बार पेपर लीक हुआ है। पेपरलीक को लेकर बजट में एकबार नहीं कहा गया है। एजुकेशन बजट में जो पैसा देना चाहिए था, उसे भी नहीं दिया गया। दूसरी तरफ पहली बार आपने सेना के जवानों को अग्निवीर के चक्रव्यूह में फंसाया। अग्निवीरों के लिए एक रुपया नहीं है।”
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गांधी ने कहा कि मिडिल क्लास बजट से पहले प्रधानमंत्री को सपोर्ट करता था। कोविड के समय जब थाली बजाने को कहा तब मिडिल क्लास ने दबाकर थाली बजाई। आपने कहा कि मोबाइल फोन की लाइट जलाओ तो मिडिल क्लास ने जलाई। लेकिन आपने मिडिल क्लास के पीठ में और छाती में छूरी मारी। अब मिडिल क्लास आपको छोड़ने जा रहा है और इधर आने जा रहा है। आपको जहां भी मौका मिलता है, चक्रव्यूह बना देते हो। हम चक्रव्यूह तोड़ने का काम करते हैं। आप चाहते हो कि हिंदुस्तान छोटे-छोटे खांचों में रहे। हिंदुस्तान का गरीब सपना न देख पाए।
आप चाहते हो कि अंबानी और अडानी, इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने टोका। स्पीकर ने विपक्ष के उपनेता के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि आपके ही नेता इसे लेकर चिट्ठी दे गए थे। राहुल ने कहा कि फिर थ्री और फोर कह दे रहे उनको। कुछ तो कहना पड़ेगा। राहुल गांधी ने स्पीकर से ही कहा कि कोई तरीका आप ही बता दीजिए। स्पीकर ने कहा कि आपसे फिर अपेक्षा करता हूं कि आप नियमों का पालन करेंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि ये जो दो लोग हैं, ये हिंदुस्तान के इंफ्रास्ट्रक्चर को और बिजनेस को कंट्रोल करते हैं सर। इनके पास एयरपोर्ट्स हैं, नपोर्ट हैं, टेलीकॉम हैं, अब रेलवे में जा रहे हैं सर। इनके पास हिंदुस्तान के धन की मोनोपॉली है। अगर आप कहो कि इनके बारे में नहीं बोल सकते तो ये हमें स्वीकार नहीं है। हमें तो बोलना है। इस पर ट्रेजरी बेंच की ओर से हंगामा शुरू हो गया।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “नेता प्रतिपक्ष को सदन का नियम नहीं मालूम है। सदन नियम से चलता है। नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर को चैलेंज करके गरिमा को गिराया है। देश नियम से चलता है।”
राहुल गांधी ने किसानों की बात करते हुए सरकार पर जमीन अधिग्रहण कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि आपने किसानों के लिए क्या किया? तीन काले कानून. किसान आपसे एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग कर रहे हैं। आपने उनको बॉर्डर पर रोक रखा है। किसान मुझसे मिलने यहां आना चाहते थे। आपने उनको यहां आने नहीं दिया।
इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि सदन में गलत ना बोलें।
राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं वहां गया तब उन्हें आने दिया गया।
स्पीकर ने कहा कि आप उनसे मिले, इसमें सदन की एक मर्यादा का उल्लंघन हुआ। सदन में सदस्य के अलावा कोई बाइट नहीं दे सकता। आपकी मौजूदगी में उन्होंने बाइट दी।
राहुल गांधी ने इस पर कहा कि ये मुझे मालूम नहीं था। उन्होंने कहा कि अन्नदाता जो चाहते हैं, एमएसपी की लीगल गारंटी, ये इतना बड़ा काम नहीं है। सरकार बजट में ये कर देती तो किसान चक्रव्यूह से निकल जाते। आपने जो काम नहीं किया, हम किसानों से कहना चाहते हैं कि हम ये करके देंगे।
राहुल गांधी ने कहा, “ए वन और ए टू की रक्षा करनी है, मैं समझता हूं। ऊपर से ऑर्डर आया है, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी।”
इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मैं सिर्फ जो परिस्थिति बनी है, उस पर बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं। मैं स्पीकर के परमिशन से खड़ा हुआ। आपने यिल्ड नहीं किया। आज हम आपको यिल्ड मांग रहे हैं, नियम के तहत बोल रहा हूं। एक-दूसरे को इज्जत देना होता है। इतना तो कर्टशी होता है राहुल जी।
राहुल गांधी ने कहा कि जब आप यिल्ड करोगे, हम जरूर करेंगे। इसकी गारंटी देता हूं। मैं तैयार हूं।
गांधी ने कहा, “देश में तकरीबन 73 फीसदी दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग हैं। ये मेन शक्ति हैं और सच्चाई है कि इनको कहीं भी जगह नहीं मिलती है। राहुल गांधी ने एक फोटो दिखाया। स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप अब प्रतिपक्ष के नेता हैं, सदन की मर्यादा को रखेंगे। स्पीकर ने कहा कि सदन में पोस्टर नहीं आने दूंगा, ये गलत तरीका है। राहुल गांधी ने कहा कि इस फोटो में बजट का हलवा बंट रहा है, इसमें एक आदिवासी, दलित या पिछड़ा अफसर नहीं दिख रहा है। 20 अफसरों ने बजट को तैयार किया, हमने पता लगाया है। मेरे पास नाम हैं। हिंदुस्ताव का हलवा 20 लोगों ने बांटने का काम किया है। उनमें से बस दो हैं- एक माइनॉरिटी और एक ओबीसी। फोटो में तो आपने आने ही नहीं दिया। चाहता था कि जाति जनगणना की बात उठे। 95 परसेंट जनता चाहती है। सब चाहते हैं क्योंकि उनको पता लगाना है कि हमारी भागीदारी कितनी है। बांटता कौन है, वही दो-तीन परसेंट लोग और बंटता किनमें हैं, वही दो-तीन परसेंट लोग। जाति जनगणना से देश बदल जाएगा। वित्त मंत्री मुस्कुरा रही हैं। ये हंसने की बात नहीं है। ये पद्मव्यूह वाले सोच रहे हैं देश का युवा अभिमन्यू है। ये अभिमन्यू नहीं हैं, आपके चक्रव्यूह को उड़ा देंगे। पहला कदम इंडिया गठबंधन ने ले लिया। आपके कॉन्फिडेंस को उड़ा दिया। आपके प्रधानमंत्री हमारे भाषण में नहीं आएंगे। ये कमल व्यू वाले हिंदुस्तान का नेचर नहीं समझ पाए। हर धर्म में चक्रव्यूह का उल्टा होता है। शिव की बारात में कोई भी आ सकता है, नाच सकता है, गा सकता है। सिखों की बात करें तो सेवा करने से किसी को नहीं रोका जा सकता, लंगर से किसी को बाहर नहीं फेका जा सकता है मगर इनके चक्रव्यूह में सिर्फ छह लोग हैं सर। ये लड़ाई शिव की बारात और चक्रव्यूह में है सर। आप चक्रव्यूह बनाने वाले लोग हो। चक्रव्यूह शिव की बारात को कभी हरा ही नहीं सकता है। आप खुद को हिंदू बताते हो।”
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कांग्रेस नेता ने कहा कि बेचारे मीडिया वालों को जो कैद कर रखा है सर, उन्हें आजाद कर दें। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप नियमों का पूरा अध्ययन कर लें। सदन की किसी व्यवस्था को लेकर टिप्पणी नहीं कर सकते। प्रश्न नहीं उठाएं। कोई समस्या है तो हमें चैंबर में आकर मिलें और बताएं। राहुल ने फिर कहा कि नॉन बेचारे मीडिया वालों ने हमसे कहा है सर कि उन्हें जाने दिया जाए।
गांधी ने कहा, “आपने जो ‘चक्रव्यूह’ बनाया है, वह करोड़ों लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है। हम इस ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ने जा रहे हैं। ऐसा करने का सबसे बड़ा तरीका, जो आपको डराता है, वह है जाति जनगणना। जैसे मैंने कहा कि इंडिया एलायंस इस सदन में गारंटीशुदा कानूनी एमएसपी पारित करेगा, उसी तरह, हम इस सदन में जाति जनगणना पारित करेंगे, चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं।”
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