दिल्ली पुलिस ने राजिंदर नगर में एक कोचिंग सेंटर के बाढ़ वाले बेसमेंट में डूबने से तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत के मामले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिससे कुल गिरफ्तारियों की संख्या सात हो गई है। इस बीच Rau’s IAS स्टडी सेंटर के पास अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हो गई है। दिल्ली पुलिस ने पहले ही ऑपरेशन की इजाजत दे दी थी।
पुलिस ने सोमवार को कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में बेसमेंट के मालिक और एक व्यक्ति शामिल हैं, जिनके वाहन को कोचिंग सेंटर के पास जाते देखा गया था और भारी बारिश के दौरान पानी की एक बड़ी लहर संस्थान के गेट से टकराकर कथित तौर पर उसे क्षतिग्रस्त कर रही थी।
प्रशासन ने एक्शन लेते हुए जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है। साथ ही सहायक इंजीनियर को भी सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में कमिश्नर ने फील्ड स्टाफ की तरफ से खामियां देखीं हैं।
पुलिस ने उस SUV वाहन को भी जब्त कर लिया है, जिसके गुजरने के बाद बहाव के कारण कोचिंग का गेट टूट गया था। पुलिस ने उस SUV के ड्राइवर को भी गिरफ्तार किया है, जो मुख्य सड़क से वाहन लेकर गुजरा था। कहा जा रहा है कि कार के निकलने से प्रेशर बढ़ा और पानी बिल्डिंग के अंदर घुस गया था।
Rau’s IAS स्टडी सर्कल के मालिक और समन्वयक को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही और अन्य आरोप लगाए गए हैं और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस उपायुक्त एम हर्षवर्द्धन ने कहा, ”इस घटना में जिसकी भी गलती है उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं और क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रख रहे हैं।”
नवीनतम घटनाक्रम ये हैं:
हादसे के विरोध में छात्र भी लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों के अलावा अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) भी एक दुसरे के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रही है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना सोमवार को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित आईएएस कोचिंग संस्थान पहुंचे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने उनसे मुलाकात की और अपनी चिंताएं जाहिर कीं।
विनय कुमार सक्सेना ने कहा, “जब से ये घटना घटी है तब से मैं निगरानी कर रहा हूं जिन्होंने भी ये गलती कि है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये घटना बहुत दुखद है जो नहीं होनी चाहिए थी। मैं आपसे वादा करता हूं कि आपको हर सुविधा देने की तैयारी करूंगा, बस आप मुझे थोड़ा समय दें। किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। यहां पर रहने वाले लोगों को कैसे दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए जो सुरक्षित जगह हो, उसका भी इंतजाम मैं करूंगा। मैं आपके साथ हूं आप जब मुझे बुलाएंगे मैं आऊंगा। जिन्होंने अपनी जान गंवाई है उन्हें मुआवजा ज्यादा कैसे दिया जा सके, उस पर हम काम कर रहे हैं।”
नवीनतम गिरफ्तारियों में इमारत के मालिक अमरजीत के चार रिश्तेदार शामिल हैं, जिनमें उनका बेटा भी शामिल है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इमारत की अलग-अलग मंजिलें अलग-अलग लोगों के नाम पर पंजीकृत थीं।
पुलिस इमारत की संरचना और क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था के प्रबंधन में स्थानीय नगर पालिका की भूमिका की जांच कर रही है। दिल्ली फायर सर्विस इमारत और उसके बेसमेंट का निरीक्षण कर रही है, जिसका इस्तेमाल अवैध रूप से लाइब्रेरी के रूप में किया गया था।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था के बारे में नगर निगम अधिकारियों से पूछताछ करेगी और नोटिस जारी कर जानकारी मांगेगी। व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार लोगों को एफआईआर में आरोपी बनाया गया है।
उचित जल निकासी व्यवस्था का अभाव, कोचिंग सेंटर में सुरक्षा उल्लंघन और अवैध बेसमेंट संचालन को मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। एमसीडी के एक अधिकारी ने संस्थान के मालिक की ओर से “घोर आपराधिक लापरवाही” पर प्रकाश डाला।
दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा कि नगर निकाय की एक टीम ने बेसमेंट से संचालित होने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए मध्य दिल्ली कोचिंग हब का दौरा किया। कार्रवाई के दौरान ऐसे 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया गया।
बढ़ते जनाक्रोश के बीच ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कोचिंग सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। छात्रों ने पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में अर्धसैनिक बलों और पुलिस को तैनात किया है।”
शनिवार शाम को भारी बारिश के बाद कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से छात्रों और कर्मचारियों सहित 35 से अधिक लोग फंस गए। इस घटना में तीन छात्रों- यूपी की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नवीन दल्विन की जान चली गई।
दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और घटना की जांच के लिए कई टीमें गठित की हैं। दिल्ली सरकार ने हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
कोचिंग सेंटर में मौतों पर संसद गरमाई:
कोचिंग सेंटर के बाढ़ग्रस्त बेसमेंट में तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत पर सोमवार को लोकसभा में तीखी नोकझोंक हुई।
नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, “दिल्ली में नाले के पानी में डूबने से यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत हो गई। दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण इन बच्चों की जान गई। एक दशक से आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता में है। एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड भी दिल्ली सरकार के नियंत्रण में है। ओल्ड राजेंद्र नगर में जो हुआ, वहां के स्थानीय पार्षद और विधायक से स्थानीय निवासी इसकी शिकायत कर रहे थे। विधायक जी व्यंग्य कर रहे थे लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।” उन्होंने दिल्ली की सरकार पर प्रचार-प्रसार और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया और गृह मंत्रालय से इसे लेकर कमेटी बनाने की मांग की।
समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “घटना दर्दनाक घटना है। योजना और एनओसी देनी की जिम्मेदारी सभी अधिकारियों की है तो जिम्मेदार कौन है? और उनके खिलाफ कार्रवाई क्या हो रही है? यह अवैध बिल्डिंग का सिर्फ एक मामला नहीं है, हम यूपी में देख रहे हैं कि अवैध इमारतों पर बुलडोजर चल रहा है, क्या ये सरकार यहां बुलडोजर चलाएगी या नहीं?”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “यह शर्मनाक है, इसमें कोई शक नहीं है। उन युवाओं के सपने बर्बाद हो गए हैं। उनके परिवारों की आशाएं भी खत्म हो गई हैं। यह देश के लिए, देश के भविष्य के लिए और युवाओं के भविष्य के लिए बेहद दुखद है। मुआवजा दिया जाना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करना है कि ऐसा दोबारा ना हो।”
राज्यसभा में दिल्ली की एक कोचिंग सेंटर में यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन छात्रों की मौत को लेकर नियम 176 के तहत चर्चा की शुरुआत बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने की। उन्होंने कहा कि इस विषय पर आम आदमी पार्टी की सांसद ने भी स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया जो विषय की गंभीरता को बताता है। सरकार को जिस तरह से व्यवस्था पर नजर रखनी चाहिए थी, उन्होंने नहीं रखी। एक सैलाब आया और तीन छात्रों के परिवार की उम्मीदों को बहाकर ले गया। लेकिन कुछ लोग इसे लेकर भ्रम फैलाते नजर आए। ये घटना अनायास हो गई होती तो हम मान सकते थे। छात्रों की ओर से कई बार कंप्लेन की गई। उन्होंने कहा कि जिन पर इस हादसे की जिम्मेदारी होनी चाहिए थी उनके आंखों में एक आंसू तो छोड़िए उनके माथे पर सीकन भी नजर नहीं आई। बच्चों के जान को खतरे में डाला गया है ये आपराधिक कृत्य है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि छात्रों की ओर से नोटिसेज हैं, जनता आगाह कर रही है लेकिन दिल्ली सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है। जो ये कहते थे कि नई राजनीति लाएंगे, आज जनता की जान पर बन आई है। उन्होंने कहा कि एमसीडी भी आपकी, सरकार भी आपकी. सरकार ने सीवर की सफाई के लिए क्या काम किया है कि इस तरह की घटनाएं न हों, इसका डेटा आज तक नहीं दे पाए हैं। जल बोर्ड का घाटा बढ़ गया है। भ्रष्टाचार के आरोप लगते जा रहे हैं। सदन इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करे। इन चीजों पर कार्रवाई न करते हुए सरकार किन विषयों पर कार्रवाई करे। विभागीय मंत्री या सरकार ने इस पर कोई आंकड़ा नहीं रखा है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हम हर रोज देखते हैं अखबारों में पहला पेज, दूसरा पेज, तीसरा पेज पर कोचिंग संस्थानों के प्रचार , इतना भारी खर्चा कहां से आता है। ये उस छात्र से आता है जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है। उन्होंने कहा कि मैं सद्स्यों से आग्रह करूंगा इस पर सुझाव दीजिए। सीमित दायरा है कोचिंग का। सभापति ने कहा कि आवश्यकता इस भारत को स्किल की है, कोचिंग एक सीमित दायरे में सभी को उसमें डाल रहे हैं। ये एक silo (साइलो) हो गया है जो गैस चैंबर से कम नही है, ये घटना दुखद है।
राज्यसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “लापरवाही हुई है। जब जवाबदेही तय होगी तभी समाधान निकलेगा। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटना दोबारा न हो।”