मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने पुरुषों के बीच शराब की खपत को रोकने के लिए एक असामान्य तरीका प्रस्तावित किया है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता अभियान के दौरान, कुशवाह ने सुझाव दिया कि महिलाओं को अपने पतियों को बाहर के बजाय घर पर ही पीने के लिए कहना चाहिए। भाजपा नेता ने भोपाल में नशीली दवाओं और शराब के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम में भाग लिया।
उन्होंने कहा, “अगर माताएं और बहनें चाहती हैं कि उनके पति शराब पीना बंद कर दें, तो पहले उन्हें बताएं कि वे बाहर शराब न पीएं। उनसे कहें कि शराब घर ले आएं और आपके सामने पिएं। यदि वे अपने परिवार के सामने शराब पीते हैं, तो उनका सेवन धीरे-धीरे कम हो जाएगा और अंततः वे बंद कर देंगे। उन्हें अपनी पत्नी और बच्चों के सामने शराब पीने में शर्म महसूस होगी।”
https://x.com/RajuSha98211687/status/1806620137937633403
उन्होनें, “साथ ही, उन्हें याद दिलाएं कि उनके बच्चे भी उनके उदाहरण का अनुसरण करके शराब पीना शुरू कर सकते हैं। यह तरीका व्यावहारिक है और आपके पति शराब पीना छोड़ देंगे।”
मंत्री ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, “मैंने पिछले कार्यकाल में शराबबंदी का सुझाव दिया था लेकिन जिन राज्यों में शराबबंदी है, वहां भी यह देखने को मिल रहा है। राज्य में शराबबंदी पर सरकार के स्तर पर विचार किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें भविष्य में इस पर फैसला ले सकती हैं। शराबबंदी जनजागरण के जरिए की जा सकती है।”
कुशवाहा के बयान पर कांग्रेस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी।
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने टिप्पणी की, “मंत्री की मंशा सही है, लेकिन इसे व्यक्त करने का उनका तरीका गलत है। घर में शराब पीने से घर संघर्ष और घरेलू हिंसा का केंद्र बन सकता है। उन्हें बस लोगों को सलाह देनी चाहिए थी कि बिल्कुल नहीं पीना है।”