दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को एक नोटिस जारी किया और उनसे अदालती कार्यवाही का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटाने को कहा। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा और अमित शर्मा की खंडपीठ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब को निर्देश दिया कि जब भी यह उनके संज्ञान में आए तो वे इसी तरह की सामग्री को हटा दें।
हाइकोर्ट ने VC नियमों के कथित उल्लंघन के लिए पत्नी और अन्य के खिलाफ जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट 9 जुलाई को इस मामले में अगला सुनवाई करेगा।
अदालत ने कई अन्य सोशल मीडिया हैंडलों को भी वीडियो हटाने का निर्देश दिया।
अदालत ने वकील वैभव सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में उन लोगों के खिलाफ जांच करने और FIR दर्ज करने की मांग की गई है जिन्होंने अदालती कार्यवाही के ऑडियो और वीडियो को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल किया था।
यह वीडियो 28 मार्च का है जब प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद दूसरी बार अदालत में पेश किए जाने पर केजरीवाल ने विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) कावेरी बावेजा को संबोधित किया था।
वकील वैभव सिंह ने तर्क दिया कि केजरीवाल द्वारा उक्त तारीख पर राउज एवेन्यू कोर्ट को संबोधित करने के बाद, आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य विपक्षी दलों से जुड़े कई सोशल मीडिया हैंडल ने अदालत की कार्यवाही की वीडियो/ऑडियो रिकॉर्डिंग की और उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया।
सुनीता केजरीवाल ने एक एक्स यूजर द्वारा अपलोड की गई ऑडियो रिकॉर्डिंग को भी रीपोस्ट किया।
सिंह ने तर्क दिया कि अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग “अदालतों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय नियम 2021” के तहत निषिद्ध है और इन वीडियो को वायरल करना न्यायपालिका और न्यायाधीशों की छवि को खराब करने का एक प्रयास है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के वीडियो पोस्ट करना अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा है।