आरएसएस ने भाजपा के साथ मतभेदों की अफवाहों को खारिज कर दिया है। दरअसल बीते दिनों आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के बहुमत से दूर रहने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में कहा था कि एक सच्चा ‘सेवक’ कभी अहंकारी नहीं होता है। आरएसएस के सूत्रों ने बताया कि संघ और भाजपा के बीच कोई मतभेद नहीं है। आरएसएस का यह बयान विपक्षी नेताओं और लोगों के एक वर्ग के इस दावे के बीच आया है जिसमें कहा गया कि भागवत की टिप्पणियां चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी नेतृत्व के लिए एक संदेश था।
सूत्रों ने कहा कि ऐसी टिप्पणियाँ अटकलबाजी थीं और संदर्भ से बाहर की थीं।
सोमवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा था, एक सच्चा ‘सेवक’ गरिमा बनाए रखता है। वह काम करते समय मर्यादा का पालन करता है। उसमें यह कहने का अहंकार नहीं होता है कि ‘यह काम मैंने किया।’ केवल वही व्यक्ति सच्चा ‘सेवक’ कहा जा सकता है।”
इसके जवाब में आरएसएस के सूत्रों ने कहा, “उनके (भागवत) भाषण में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद दिए गए भाषण से ज्यादा अंतर नहीं था। किसी भी संबोधन में राष्ट्रीय चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संदर्भ होना तय है।”
उन्होंने कहा, “लेकिन इसकी गलत व्याख्या की गई और भ्रम पैदा करने के लिए संदर्भ से परे ले जाया गया। उनकी ‘अहंकार’ वाली टिप्पणी कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या किसी भाजपा नेता पर निर्देशित नहीं थी।”
आरएसएस के सूत्रों ने अपने राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य इंद्रेश कुमार के भाजपा के चुनावी प्रदर्शन पर कटाक्ष से भी खुद को अलग कर लिया। एक पदाधिकारी ने कहा कि यह उनकी निजी राय थी और यह संगठन के आधिकारिक रुख को प्रतिबिंबित नहीं करता है।
गुरुवार को जयपुर के पास एक कार्यक्रम में कुमार ने कहा था, “जिस पार्टी (भाजपा) ने (भगवान राम की) भक्ति की, लेकिन अहंकारी हो गई, उसे 241 पर रोक दिया गया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया गया। जिन लोगों को राम में कोई आस्था नहीं थी, उन्हें एक साथ 234 पर रोक दिया गया।”
अपनी टिप्पणी पर विवाद पैदा होने पर कुमार ने शुक्रवार को कहा कि देश भाजपा के चुनाव प्रदर्शन और नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से खुश है।
उन्होंने हा, ”इस समय, ताजा खबर यह है कि जो लोग भगवान राम के खिलाफ थे वे सत्ता से बाहर हैं और जो भगवान राम के भक्त थे वे सत्ता में हैं।”
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति करेगा।”
भागवत के भाषण को लेकर चल रही बहस के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘बेहतर होगा कि आप इसके बारे में संघ के अधिकृत पदाधिकारियों से पूछें।’