प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में कैबिनेट स्तर का कोई पद नहीं मिलने पर शिवसेना ने निराशा व्यक्त की है। इससे एक दिन पहले अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी एक कैबिनेट पद की मांग की थी और अपने सांसदों को राज्य मंत्री की भूमिका दिए जाने पर निराशा व्यक्त की थी।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी के मुख्य सचेतक श्रीरंग बारणे ने नई मंत्रिपरिषद में अन्य एनडीए सहयोगियों के अनुपात का हवाला देते हुए कहा, “हम कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद कर रहे थे।”
बारणे ने कहा, “चिराग पासवान को पांच सांसद मिले, [जीतन राम] मांझी को एक, जेडीएस को दो सांसद मिले…फिर भी उन्हें एक-एक कैबिनेट पद मिला। फिर 7 लोकसभा सीटें मिलने के बावजूद शिवसेना को सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) क्यों मिला? क्या शिवसेना भाजपा की पुरानी सहयोगी है? कम से कम उसके लिए तो एक कैबिनेट पद मिलना ही चाहिए था।”
शिवसेना के चीफ व्हिप ने कहा, “हमारी शिवसेना के स्ट्राइक रेट को देखते हुए हमें कैबिनेट मंत्री पद दिया जाना चाहिए था।” यह बात कहते हुए शिंदे गुट के सांसद श्रीरंग बारणे ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
श्रीरंग बारणे ने कहा कि एनडीए के अन्य घटक दलों के एक-एक सांसद चुने गए, लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है, तो फिर बीजेपी ने शिंदे गुट के प्रति इतना अलग रुख क्यों अपनाया?
शिवसेना सांसद ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो परिवार के खिलाफ आकर महागठबंधन में शामिल हुए अजित पवार को मंत्री पद दिया जाना चाहिए था। साथ ही बीजेपी को सतारा सांसद उदयनराजे भोसले को यह मंत्री पद देना चाहिए था।
इससे पहले एनसीपी अजित गुट ने भी मंत्री पद नहीं मिलने के बाद अपनी नाराजगी जाहिर की थी। पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल का कहना था, “कल रात (शपथग्रहण से पहले) हमें बताया गया कि हमारी पार्टी को स्वतंत्र प्रभार वाला एक राज्य मंत्री मिलेगा। मैं पहले केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री था, इसलिए यह मेरे लिए एक डिमोशन होता। हमने बीजेपी नेतृत्व को सूचित कर दिया है और उन्होंने हमें कहा है कि बस कुछ दिन इंतजार करें, वे सुधारात्मक उपाय करेंगे।”
शपथ ग्रहण समारोह से पहले अजीत पवार ने कहा था, “केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य करने के बाद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री का पद स्वीकार करना उचित है। इसलिए हमने उनसे (भाजपा) कहा कि हम इंतजार करने के लिए तैयार हैं। लेकिन हमें एक कैबिनेट पद चाहिए।’
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में, शिवसेना ने महाराष्ट्र में जिन 15 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 7 पर जीत हासिल की, जबकि अजीत पवार की एनसीपी को चार में से एक सीट पर जीत मिली। बीजेपी ने राज्य में नौ सीटें जीतीं।